PUTA का VC को पत्र, कहा-वर्तमान स्थिती बेहद खराब, PU में लागू हों MHA के नियम

पत्र में पूटा अध्यक्ष ने वीसी से आग्रह किया कि वह कैंपस खोलने से पहले एमएचए के सभी निर्देश को कैंपस पर लागू करें। नियमों को लागू करने में कोई भी कौताही न बरती जाए।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sun, 14 Jun 2020 02:40 PM (IST) Updated:Sun, 14 Jun 2020 02:40 PM (IST)
PUTA का VC को पत्र, कहा-वर्तमान स्थिती बेहद खराब, PU में लागू हों MHA के नियम
PUTA का VC को पत्र, कहा-वर्तमान स्थिती बेहद खराब, PU में लागू हों MHA के नियम

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पूटा) ने पीयू वीसी प्रो. राजकुमार को पत्र लिखा। पत्र में पूटा अध्यक्ष प्रो. राजेश गिल ने वीसी काे वर्तमान स्थिती से रूबरू करवाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश के अन्य राज्यों की तरह ही शहर और उसके पास के इलाकों की स्थिती बहुत खराब बनी हुई है। इस बात को ध्यान रखते हुए गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा शैक्षणिक संस्थानों को दिए गए निर्देशों को सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। पत्र में पूटा अध्यक्ष ने वीसी से आग्रह किया कि वह कैंपस खोलने से पहले एमएचए के सभी निर्देश को कैंपस पर लागू करें। नियमों को लागू करने में कोई भी कौताही न बरती जाए।

सोडियम हाइपोक्लोराइट से सेनिटाइज होगा अच्छा

पत्र में पूटा ने लिखा कि बाहरी क्षेत्रों और विभागों, प्रशासनिक ब्लॉक, हॉस्टल, आवासीय क्षेत्रों आदि सहित विभिन्न इमारतों के आसपास के स्थानों को सोडियम हाइपोक्लोराइट के घोल से साफ किया जाना चाहिए। न्यूनतम प्रत्यक्ष मानव जोखिम के कारण पंजाब अल्कलीज एंड केमिकल्स लिमिटेड नंगल में यह उपलब्ध है। इसको कैंपस में भी बनाया जा सकता है।

गंदगी की वजह से हो गए है कैंपस में मच्छर

पूटा ने वीसी को सुझाव दिया कि लॉकडाउन के दौरान कैंपस में कई जगह ऐसी है, जहां गंदगी के ढेर लगे हुए है। जहां जानलेवा मच्छर पैदा हो गए है। कोरोना के साथ साथ डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी का डर भी कैंपस में बना हुआ है। इस बात को देखते हुए कैंपस, लॉन और अन्य खुले क्षेत्रों में फॉगिंग को बढ़ाया जाया।

बाहरी लोगों की एंट्री के रहना होगा सचेत

कैंपस में आ रहे छात्रों, आम जनता, कैब और ऑटो रिक्शा चालकों आदि जैसे बाहरी लोगों के लिए उचित तैयारी करनी होगी। इसके लिए पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात करने की आवश्यकता है। इसके अलावा सख्त एसओपी दिशानिर्देश जारी किए जाने चाहिए, जिसमें व्यक्तिगत और विभाग स्तरों पर सख्त पालन के निर्देश हों।

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