बहिबल कलां गोलीकांड में IG उमरानंगल गिरफ्तार, SIT ने पुलिस हेडक्वार्टर से पकड़ा

बहिबल कलां गोलीकांड के मामले में पंजाब के आइजी परमराज सिंह उमरानंगल को गिरफ्तार कर लिया गया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 09:11 PM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 04:00 PM (IST)
बहिबल कलां गोलीकांड में IG उमरानंगल गिरफ्तार, SIT ने पुलिस हेडक्वार्टर से पकड़ा
बहिबल कलां गोलीकांड में IG उमरानंगल गिरफ्तार, SIT ने पुलिस हेडक्वार्टर से पकड़ा

चंडीगढ़ [निर्मल सिंह मानशाहिया]। फरीदकोट जिले के गांव बरगाड़ी में 12 अक्टूबर, 2015 को श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद बहिबल कलां और फरीदकोट में हुई गोलीकांड की घटनाओं में आइजी परमराज सिंह उमरानंगल बुरी तरह घिर गए हैं। SSP चरनजीत सिंह शर्मा से कई दिनों की पूछताछ के बाद SIT ने सोमवार सुबह उमरानंगल से चंडीगढ़ के सेक्टर-9 स्थित पंजाब पुलिस के हेडक्वार्टर में पूछताछ की। जब उमरानंगल सवालों से सही जवाब नहीं दे पाए तो SIT ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उमरानंगल को आज फरीदकोट की जेएमआइसी एकता उप्पल की अदालत में पेश किया गया। यहां से उन्हें चार दिन के रिमांड पर भेज दिया गया।

SIT में शामिल आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने बताया कि आइजी उमरानंगल की गिरफ्तारी सुबूतों और अब तक हुई जांच के आधार पर की गई है। इस संबंध में DGP दिनकर गुप्ता और अन्य अधिकारियों को जानकारी दे दी गई है। मंगलवार को उमरानंगल को फरीदकोट की अदालत में पेश किया जाएगा।

बहिबल कलां और फरीदकोट गोलीकांड की जांच कर रही SIT पिछले कई दिनों से मोगा के तत्कालीन SSP चरनजीत सिंह शर्मा से पूछताछ कर रही थी। SSP शर्मा को SIT ने पिछले महीने 28 जनवरी को गिरफ्तार किया था। इस संबंध में अन्य आरोपितों से भी पूछताछ की। सोमवार सुबह SIT की टीम चंडीगढ़ के सेक्टर-9 स्थित पंजाब पुलिस हेडक्वार्टर पहुंची और आइजी उमरानंगल से करीब तीन घंटे पूछताछ की। SIT ने कोटकपूरा और बहिबल कलां गोलीकांड के संबंध में आइजी से करीब 50 सवाल पूछे, लेकिन आइजी सवालों से सही जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद SIT ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

लुधियाना छोड़कर पुलिस कर्मियों के साथ पहुंचे थे फरीदकोट

सूत्रों के अनुसार SIT को अब तक जांच में सुराग मिले हैं कि कोटकपूरा-बहिबल कलां गोलीकांड के समय उमरानंगल लुधियाना के पुलिस कमिश्नर थे। लेकिन वह करीब 200 पुलिस कर्मियों के साथ फरीदकोट पहुंच गए और उन्होंने फरीदकोट-मोगा समेत पांच जिलों की फोर्स का नेतृत्व किया। SIT ने गिरफ्तारी से पहले उमरानंगल से पूछा कि वह किसके आदेश पर लुधियाना से बाहर 200 पुलिस कर्मियों को लेकर फरीदकोट गए थे? जवाब में उमरानंगल ने कहा कि मुझे ऊपर से जुबानी कहा गया था कि मैं फरीदकोट जाकर प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत कर मामला शांत करूं, इसलिए लुधियाना से फरीदकोट गया था। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में कई दूसरे अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है।

सवाल-जवाब

SIT : लुधियाना छोड़ आप फरीदकोट क्यों गए थे? उमरानंगल : मैं तो फरीदकोट प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत करने और मामला शांत कराने के लिए गया था, क्योंकि मुझे ऊपर से कहा गया था कि आप फरीदकोट जाओ। मुझे कोई लिखित आदेश नहीं दिए गए थे। इसलिए मैं इस संबंधी कुछ नहीं कह सकता।

SIT : आप अपनी रेंज से बाहर क्यों गए? उमरानंगल : फरीदकोट-मोगा चाहे मेरी रेंज से बाहर थे, परंतु वहां पांच जिलों की पुलिस और सीनियर अधिकारियों को स्थिति से निपटने के लिए पहुंचने को ऊपर से कहा गया था जिस कारण हम वहां गए थे।

SIT : 200 पुलिस कर्मी क्यों साथ लेकर गए? उमरानंगल : मैं 200 सुरक्षा पुलिस मुलाजिमों को साथ लेकर इसलिए गया था, क्योंकि स्थिति वहां काफी तनावपूर्ण बनी हुई थी और किसी भी असुखद घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बलों की वहां अमन कानून की स्थिति बनाए रखने की जरूरत थी।

SIT : आपको किस अधिकारी ने फरीदकोट जाने के लिए कहा था? उमरानंगल : मुझे ऊपर से कहा गया था कि आप फरीदकोट-मोगा पहुंचो। वहां स्थिति को दूसरे पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर संभालो। इसलिए मैं वहां गया था। अक्सर हमें स्टैंडिंग हिदायतें फोन पर मिल जाती थीं। यह कोई पहली बार नहीं था। ऐसे हालात में एक जिले की पुलिस को दूसरे जिलों में स्थिति संभालने के लिए भेजा जाता रहा है।

SIT : क्या आपने गोली चलाने के आदेश दिए थे? उमरानंगल : नहीं, न मैंने कोटकपूरा में, न फरीदकोट में और न ही बहिबल कलां में गोली चलाने के कोई आदेश दिए। मैंने सिर्फ लॉ एंड आर्डर कंट्रोल करने के लिए अपनी ड्यूटी निभाई है। मुझे इस बारे कुछ भी नहीं पता। वहां स्थिति तनावपूर्ण होने के कारण प्रदर्शनकारियों की तरफ से पुलिस मुलाजिमों पर किए गए हमले के बाद माहौल खराब होने के कारण अचानक घटना घटी थी। मुझे किसी ने भी गोली चलाने के आदेश नहीं दिए थे और न ही मैंने आगे गोली चलाने के आदेश दिए।

SIT : चरनजीत ने कहा कि आप फोर्स की कमांड कर रहे थे? उमरानंगल : चरनजीत शर्मा भी दूसरे जिले से ही वहां पहुंचे थे। उन्होंने क्या कहा है या नहीं कहा, इस बारे मैं कुछ नहीं कह सकता। मैं अकेला नहीं था। वहां बठिंडा, फरीदकोट, फिरोजपुर, मोगा, लुधियाना समेत चंडीगढ़ हेडक्वार्टर से भी कई अधिकारी प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत के जरिये मामला हल करने पहुंचे हुए थे।

किन सवालों के जवाब नहीं दे सके आइजी उमरानंगल

क्या आपको DGP सुमेध सिंह सैनी ने दिए थे लुधियाना छोड़ कर फरीदकोट पहुंचने के आदेश? क्या आपको ADGP रोहित चौधरी ने दिया था लुधियाना छोडऩे का आदेश? क्या आपके आदेशों पर चली कोटकपूरा और बहिबल कलां में गोली? आपने फोर्स की कमांड किसके आदेशों पर की? क्या आपको तत्कालीन मुख्यमंत्री/मुख्यमंत्री दफ्तर में से आदेश मिले थे? क्या आपकी बातचीत तत्कालीन उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल के साथ हुई थी? क्या आपके ऊपर कोटकपूरा-फरीदकोट-मोगा-लुधियाना मुख्य सड़क खाली कराने के लिए बादलों के ट्रांसपोर्ट मैनेजर की तरफ से दबाव डाला गया? या उसके साथ आपकी कोई बातचीत हुई? चरनजीत शर्मा से पूछताछ के दौरान जो खुलासे हुए हैं उनमें आपकी तरफ सीधी उंगली उठाई गई है? गोली चलाने वाले पुलिस मुलाजिमों को बचाने के लिए सुबूत किसके आदेश पर मिटाने की कोशिश की गई? क्या कोटकपूरा-फरीदकोट जिलों के साथ संबंधित एक विधायक और एक यूथ अकाली नेता भी आपके संपर्क में था?

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