चंडीगढ़ में राज्यपाल निवास पर धरना देने फिर पहुंचे पंजाब के शिअद नेता, गिरफ्तार

पंजाब शिअद के नेता एक बार फिर धरना देने के लिए चंडीगढ़ में राज्‍यपाल निवास पर पहुंचे लेकिन पुलिस ने उनको आगे जाने नहीं दिया। पुलिस ने उनको गिरफ्तार कर लिया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 08 Aug 2020 11:26 PM (IST) Updated:Sat, 08 Aug 2020 11:26 PM (IST)
चंडीगढ़ में राज्यपाल निवास पर धरना देने फिर पहुंचे पंजाब के शिअद नेता, गिरफ्तार
चंडीगढ़ में राज्यपाल निवास पर धरना देने फिर पहुंचे पंजाब के शिअद नेता, गिरफ्तार

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के तीन जिलों तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर केे बटाला मेंं जहरीली शराब पीने से मारे गए 123 लोगोंं की मौत पर विपक्ष कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार पर हमलावर बना हुआ है। सत्ताधारी कांग्रेस पर हमलावर रुख बरकरार रखते हुए शिरोमणि अकाली दल ने शनिवार को लगातार दूसरे दिन राज्यपाल निवास पर विरोध प्रदर्शन करने का प्रयास किया। शिअद के नेताओं ने राज्‍यपाल निवास के बाहर धरना देने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनको रोक दिया और गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान अकाली दल के नेताओं ने जमकर नारेबाजी की।

जहरीली शराब से मौतों की सीबीआइ जांच की मांग करते हुए शिअद के वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा और विधायक हरिंदर पाल चंदूमाजरा लगभग 100 अकाली समर्थकों के साथ पंजाब राजभवन के बाहर धरना देने पहुंचे। राज्यपाल निवास से कुछ दूरी पर ही चंडीगढ़ पुलिस ने 72 अकाली नेताओं और समर्थकों को हिरासत में ले लिया और लगभग डेढ़ घंटे बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया।

इस मौके पर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि कांग्रेस, नकली शराब के मामले में असली गुनहगारों को छिपाने के लिए सीबीआइ और ईडी से इस मामले की जांच नहीं करवाना चाहती। उन्होंने आरोप लगाया कि शराब माफिया ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी आलाकमान को 2,000 करोड़ रुपये दिए हैं ताकि कांग्रेसी नेताओं और विधायकों के संरक्षण में चल रहे अवैध शराब कारोबार की हर जांच को विफल किया जा सके।

चंदूमाजरा ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री की बर्खास्तगी के बाद ही लोगों को न्याय मिल सकता है। उन्होंने मांग की कि इस मामले में दोषी विधायकों के खिलाफ भी हत्या का केस दर्ज किया जाना चाहिए। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने वाले नेताओं में चरनजीत बराड़, सुरजीत गढ़ी, चरनजीत कालावल, हरपाल जुनेजा, मनजीत मुढढ़़ों, परमजीत काहलों, गुरमुख सोहल अवतार मौली, नरदेव अकरी, अमृतपाल खटड़ा, राजविंदर लक्की, सुखबीर अबलोवाल तथा ब्रिगेडियर राजकुमार भी शामिल थे।

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