श्री दरबार साहिब में महिलाओं को भी मिले कीर्तन करने की इजाजत, विधानसभा में प्रस्ताव पास

श्री दरबार साहिब में महिलाओं को भी कीर्तन करने की इजाजत देने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव रखा गया है जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 07 Nov 2019 01:48 PM (IST) Updated:Thu, 07 Nov 2019 02:00 PM (IST)
श्री दरबार साहिब में महिलाओं को भी मिले कीर्तन करने की इजाजत, विधानसभा में प्रस्ताव पास
श्री दरबार साहिब में महिलाओं को भी मिले कीर्तन करने की इजाजत, विधानसभा में प्रस्ताव पास

जेएनएन, चंडीगढ़। श्री दरबार साहिब में महिलाओं को भी कीर्तन करने की इजाजत देने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव रखा गया है, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। अब महिलाओं को कीर्तन की अनुमति देनेे का फैैैैैसला श्री अकाल तख्त साहिब ने करना है। यह प्रस्ताव औपचारिक रूप से अकाल तख्त और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) को भेजा जाएगा।

विधानसभा में यह प्रस्ताव कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा लेेेेकर आए। अकाली दल विधायक दल के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने पूछा कि क्या यह सरकारी प्रस्ताव है, इस पर बाजवा ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत प्रस्ताव है, लेकिन स्पीकर राणा केपी सिंह ने कहा कि मंत्री सरकार का हिस्सा हैंं। अतः सरकार का प्रस्ताव है।

प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए बाजवा ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने जीवनभर जाति और लैंगिक असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अधिकारों के लोकतंत्रीकरण के आधार पर एक समतावादी समाज के प्रचार प्रसार किया।महिलाओं के खिलाफ किसी भी भेदभाव का सिख इतिहास में कोई उल्लेख नहीं था, उन्होंने कहा कि सिख महिलाओं को अब तक कीर्तन सेवा करने की अनुमति नहीं है।

अकाली दल ने इसका विरोध तो नहीं किया, लेकिन पूरी तरह से सहमत भी नहीं दिखी, जबकि आम आदमी पार्टी के कुलतार संधवा, लोक इंसाफ पार्टी के बलविंदर सिंह बैंस ने भी इसका समर्थन किया। बैंस ने कहा कि राजनीतिक जमात इसे लेकर जागरूक हुई है। प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हुआ। सदन अकाल तख्त को विनती करेगा कि दरबार साहिब में महिलाओं को कीर्तन करने की इजाजत दी जाए।

इसके अलावा विधानसभा में विधायकोंं को आफिस ऑफ प्रॉफिट से बाहर करने का बिल भी पास कर दिया गया। बिल का आम आदमी पार्टी ने विरोध करते हुए सदन से वाकआउट किया। अकाली दल नेे भी इस बिल का विरोध किया। अकाली विधायक दल के नेता परमिंदर सिंह ढींडसा ने बिल को संविधान के खिलाफ करार दिया, लेकिन बाद में विरोध के बावजूद बिल पास हो गया।

विधानसभा ने पंजाब गैर सहायता प्राप्त शिक्षा संस्थान की फीस को रेगुलेट करने संबंधी संशोधन बिल भी पेश किया गया। इस बिल में 8 फीसद सलाना फीस बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।

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