शराब के कारोबार में बढ़ेगी सरकारी दखल, स्थापित होगा थोक शराब निगम

पंजाब की कैप्‍टन सरकार राज्‍य में शराब कारोबार में अपना दखल बढ़ाएगी। इसके लिए वह थोक शराब निगम स्थापित करेगी। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 24 Nov 2017 10:58 AM (IST) Updated:Fri, 24 Nov 2017 10:58 AM (IST)
शराब के कारोबार में बढ़ेगी सरकारी दखल, स्थापित होगा थोक शराब निगम
शराब के कारोबार में बढ़ेगी सरकारी दखल, स्थापित होगा थोक शराब निगम

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार शराब के कारोबार में सरकारी दखल को बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने लगी है। सरकार इसके लिए बाकायदा थोक शराब निगम की स्थापना की जाएगी। सरकार यह कदम महंगी शराब और राजस्व में बढ़ोतरी को लेकर उठाने जा रही है। इसके लिए हरियाणा, राजस्थान, तामिलनाडु व केरल सहित अन्य राज्यों के मॉडल पर भी स्टडी की जा रही है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कैबिनेट सब कमेटी की अध्यक्षता करते हुए शराब के कारोबार में एकाधिकार को खत्म करने और सरकारी खजाने में राजस्व की बढ़ोतरी करने के लिए आबकारी विभाग को शराब के वितरण के लिए थोक शराब निगम स्थापित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए निर्देश दिए हैं। यह कमेटी वित्तीय स्थिति में नकदी की कमी का नियमित तौर पर समीक्षा करने के लिए गठित की गई थी।

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इस समिति के प्रमुख स्वयं मुख्यमंत्री हैं और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा और वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल इसके सदस्य हैं। इस सब -कमेटी को खर्च को घटाने और स्रोतों को जुटाने के लिए संभावनाओं का पता लगाने के लिए कहा गया था।

सब कमेटी की पहली मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने शराब के व्यापार में सरकारी दखल की संभावनाओं का पता लगाने के लिए आबकारी विभाग को कहा है। इस पर इस समय प्राइवेट लोगों का पूरी तरह कब्जा है। उन्होंने शराब के थोक वितरण के लिए निगम बनाने के लिए रूपरेखा तैयार करने के लिए विभाग को कहा है। सब-कमेटी ने शराब संबंधी मौजूदा एक वर्ष की नीति के बदले बहुवर्षीय शराब नीति अपनाने संबंधी भी विचार विमर्श किया और इसने आबकारी विभाग को इस संबंधी विस्तृत प्रस्ताव पेश करने के निर्देश भी जारी किए।

राजस्व जुटाने को विभाग आगे आएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबे के लिए राजस्व जुटाने के लिए नवीनतम रास्ते तलाशने को विभिन्न विभागों को आगे आना चाहिए क्योंकि गत अकाली-भाजपा सरकार से मौजूदा सरकार को 2 लाख 8 हजार करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ विरासत में मिला है। आबकारी विभाग को कहा गया है कि वह आगामी 3 वर्षो में राजस्व जुटाने के लक्ष्य में महत्वपूर्ण विस्तार करे।

बैठक में ये थे मौजूद

बैठक में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, पंजाब प्रशासकीय सुधार के चेयरमैन केआर लखनपाल, वित्तीय स्रोतों संबंधी सलाहकार वीके गर्ग, मुख्य सचिव करन अवतार सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव कर व आबकारी एमपी सिंह, प्रमुख सचिव वित्त अनिरुद्ध तिवाड़ी और कर एवं आबकारी कमिश्नर विवेक प्रताप सिंह शामिल थे।   यह भी पढ़ें: कविता खन्ना ने अभी से गुरदासपुर सीट पर 2019 के लिए टिकट पर जताई दावेदारी

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