Punjab BJP President के चुनाव में दिखेगी 2022 की झलक, पार्टी के सामने ये है सबसे बड़ी चुनौती

नए साल में पंजाब भाजपा को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। नए प्रदेश प्रधान के चयन के साथ ही BJP का अगले विधानसभा चुनाव को लेकर रुख स्पष्ट हो जाएगा।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 16 Dec 2019 11:22 AM (IST) Updated:Tue, 17 Dec 2019 09:05 AM (IST)
Punjab BJP President के चुनाव में दिखेगी 2022 की झलक, पार्टी के सामने ये है सबसे बड़ी चुनौती
Punjab BJP President के चुनाव में दिखेगी 2022 की झलक, पार्टी के सामने ये है सबसे बड़ी चुनौती

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। संगठन चुनाव की प्रक्रिया से गुजर रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) में 2022 के विधानसभा चुनाव की कमान किसके हाथों में होगी, इसका पता नए साल में ही चल पाएगा। नए प्रदेश प्रधान के चयन के साथ ही BJP का अगले विधानसभा चुनाव को लेकर रुख स्पष्ट हो जाएगा। जिला प्रधानों के चुनाव की प्रक्रिया में देरी के कारण प्रदेश प्रधान के चुनाव में देरी हो गई है। पहले जिला प्रधानों के चुनाव की प्रक्रिया 15 दिसंबर तक पूरी होनी थी। अब यह 25 दिसंबर तक पूरी होगी। इसके बाद ही प्रदेश प्रधान का चुनाव होगा।

BJP के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस बात को लेकर है कि वह अकाली दल के साथ गठबंधन को भी निभाना चाहती है। साथ ही BJP में उठ रही ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग को भी पूरा करना चाहती है। लोकसभा चुनाव में शानदार जीत और राज्य में अकाली दल के गिरते ग्राफ के बाद से ही BJP में यह मांग उठती रही है कि उन्हें विधानसभा चुनाव में 23 से ज्यादा सीटें दी जाएं।

नए-पुराने चेहरों के बीच द्वंद्व

2022 के लिए BJP में इन दिनों नए और पुराने चेहरों के बीच में द्वंद्व चल रहा है।

नए चेहरे: पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी, पार्टी के महासचिव राकेश राठौर, प्रवीण बांसल, उप प्रधान जीवन गुप्ता, नरेंद्र परमार।

पुराने चेहरे: मौजूदा प्रदेश प्रधान श्वेत मलिक, मनोरंजन कालिया, अश्विनी शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री तीक्ष्ण सूद और BJP के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुघ।

दोबारा दावा ठोंक रहे मलिक

श्वेत मलिक दोबारा एक पारी खेलने के लिए दावा ठोंक रहे हैं, जबकि मनोरंजन कालिया और अश्विनी शर्मा पहले भी पार्टी की कमान संभाल चुके हैं। अकाली दल-BJP की सरकार में अनिल जोशी ऐसे मंत्री रहे, जिन्होंने सदन के अंदर से लेकर बाहर तक अकाली दल के साथ दो-दो हाथ किए। सदन में 'मैं आतंकवादी हूं' कहने पर जोशी ने अकाली दल के विरसा सिंह वल्टोहा को आड़े हाथ लिया था। अपने छोटे भाई पर गोली चलने के बाद जोशी अकाली दल के खिलाफ डटकर खड़े हुए थे। तीक्ष्ण सूद सरकार और संगठन के कामकाज में संतुलन बनाने वाले नेता हैं। राकेश राठौर, जीवन गुप्ता, प्रवीण बांसल और तरुण चुघ को संगठन के कामकाज की अच्छी समझ है।

BJP की चुनौती

पंजाब में BJP के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यह है कि केंद्र में भले ही BJP की सरकार है, लेकिन पंजाब में BJP अकाली दल की छाया से कभी मुक्त नहीं हो पाई। यही कारण है कि लोक सभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही पूर्व प्रदेश प्रधान स्वर्गीय कमल शर्मा ने अकाली दल पर 50 सीटों का दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इसे BJP में अंदरखाते खासा समर्थन भी मिला था।

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