हाईकोर्ट की फटकार : पटाखे मारने वाले बुलेट सवारों को नहीं रोक पा रहे तो मर्डर केस क्या सुलझाएंगे

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को यूटी पुलिस को कड़ी फटकार लगाई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 May 2018 03:22 PM (IST) Updated:Wed, 23 May 2018 04:13 PM (IST)
हाईकोर्ट की फटकार : पटाखे मारने वाले बुलेट सवारों को नहीं रोक पा रहे तो मर्डर केस क्या सुलझाएंगे
हाईकोर्ट की फटकार : पटाखे मारने वाले बुलेट सवारों को नहीं रोक पा रहे तो मर्डर केस क्या सुलझाएंगे

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बुलेट के मोडिफॉई साइलेंसर से पटाखे बजाने के मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को यूटी पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि जब चंडीगढ़ पुलिस बुलेट से पटाखे मारने वालों को ही नहीं पकड़ पा रही तो मर्डर केस कैसे सुलझाएगी? कोर्ट ने अगली तारीख पर नियमों की अवहेलना करने वाले सभी लोगों की लिस्ट भी मांगी है। चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से कोर्ट में कहा गया पटाखा मारने वाले ज्यादातर पंजाब और हरियाणा में मोडिफॉई हो रहे है, उन्हें चंडीगढ़ में कैसे रोका जाए? इस पर कोर्ट ने कहा कि जब भी बुलेट चंडीगढ़ में दाखिल हो, तब उनकी चेकिंग की जाए। पटाखों का पता लगने पर उनको जब्त कर लिया जाए। मामले की अगली सुनवाई 29 मई होगी ।

याचिकाकर्ता के वकील राजेश गिरधर ने बताया कि चंडीगढ़ पुलिस के लाख दावों के बावजूद अभी भी शहरवासी बुलेट के तेज पटाखों से परेशान हैं। इस पर चंडीगढ़ प्रशासन ने जवाब दिया कि वह लगातार ऐसे पटाखा मारने वाले युवकों पर नकेल कसने के लिए नाके लगाकर चालान कर रहे हैं। इतने नाकों के बावजूद अभी भी सेक्टर-15, पंजाब यूनिवर्सिटी और गेड़ी रूट के आसपास के इलाकों में बुलेट के पटाखों का शोर सुना जा रहा है। बुलेट मोटरसाइकिल और दूसरी बाइक के पटाखे बजाने के कारण चंडीगढ़ में लोग काफी परेशान हैं। जज ने कहा, सुनाई देती है पटाखे की आवाज

वकील राजेश गिरधर ने बताया कि इस केस की सुनवाई कर रहे जज ने भी कहा कि उनके इलाके में भी रात में बाइक से पटाखे चलाने की आवाज आती है। इसके बाद कोर्ट ने ही चंडीगढ़ पुलिस से ऐसे मोटरसाइकिल सवारों पर की जाने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने तय किया था कि पहली बार में 1000 रुपये का चालान किया जाए। दूसरी बार 2000 का चालान किया जाए। इस पर चंडीगढ़ पुलिस ने कहा था कि जब पुलिस ऐसे लोगों का चालान करती है तो वे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में 200 से 300 रुपये जमाकर चालान छुड़वा लेते है। इसके बाद हाईकोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में हुए चालान की भी जानकारी मांगी।

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