पीयू रिसर्च स्कॉलर को राहत, थीसिस जमा होने के चार माह में मिलेगी पीएचडी डिग्री

पंजाब यूनिवर्सिटी ने पीएचडी रिसर्च स्कॉलर के लिए अहम फैसला लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 07:34 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 07:34 AM (IST)
पीयू रिसर्च स्कॉलर को राहत, थीसिस जमा होने के चार माह में मिलेगी पीएचडी डिग्री
पीयू रिसर्च स्कॉलर को राहत, थीसिस जमा होने के चार माह में मिलेगी पीएचडी डिग्री

डॉ. सुमित सिंह श्योराण , चंडीगढ़

पंजाब यूनिवर्सिटी ने पीएचडी रिसर्च स्कॉलर के लिए अहम फैसला लिया है। थीसिस पूरी होने के बाद अब रिसर्च स्कॉलर को वाइवा के लिए महीनों तक इंतजार नहीं करना होगा। पीयू प्रशासन ने यह तय किया है कि थीसिस जमा होने के चार महीने के भीतर अब पीएचडी वाइवा अनिवार्य कर दिया है। जिससे पीएचडी स्कॉलर को डिग्री के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। नए निर्देशों के तहत किसी भी विभाग का पीएचडी स्कॉलर जैसे ही पीएचडी थीसिस जमा करेगा, थीसिस के मूल्यांकन से लेकर वाइवा तक का पूरा प्रोसेस निर्धारित चार महीने के भीतर पूरा करना ही होगा। ऐसे नहीं होने पर संबंधित थीसिस से जुड़ी फाइल डीयूआइ के पास पहुंचेगी और उस पूरे मामले में दोषी ब्रांच या अधिकारी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला हाल ही में रजिस्ट्रार के साथ पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन एग्जीक्यूटिव मीटिग में लिया गया। सूत्रों के अनुसार कई स्टूडेंट्स द्वारा थीसिस जमा होने के बाद भी छ महीने से अधिक समय से वाइवा नहीं हुई है। कई मामलों में थीसिस का मूल्यांकन करने वाले प्रोफेसर ही समय पर रिपोर्ट नहीं भेजते हैं। नए नियमों में अब देरी से रिपोर्ट भेजने वाले बाहरी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। हर साल 350 से अधिक लोग करते हैं पीएचडी

पीयू प्रशासन नार्थ रीजन की यूनिवर्सिटी में हर साल सबसे अधिक 350 से अधिक पीएचडी डिग्री अवार्ड करता है। पीएचडी रिसर्च स्कॉलर को पीयू दीक्षा समारोह में डिग्री दी जाती हैं। थीसिस के मूल्यांकन में देरी के कारण दीक्षा समारोह से एक दिन पहले तक वाइवा कराने के लिए स्टूडेंट्स को भागदौड़ करनी पड़ती है। पीयू द्वारा जारी नए निर्देशों के बाद अब स्टूडेंट्स का चार महीने में वाइवा निश्चित किया जाएगा। सात मार्च को तीन हजार देंगे पीएचडी एंट्रेंस

पीयू प्रशासन द्वारा आगामी 7 मार्च पूरे दो साल बाद पीएचडी-एमफिल एंट्रेंस का आयोजन किया जाएगा। एंट्रेंस में करीब 3500 स्टूडेंट्स अपीयर होंगे। पीयू प्रशासन ने 2020 सत्र में एमफिल-पीएचडी के लिए आवेदन तो मांगे, लेकिन कोविड-19 के कारण एंट्रेंस नहीं हो सका। न्यू एजुकेशन पॉलिसी के कारण 2022 से एमफिल को समाप्त करने की तैयारी है। ऐसे में इस सत्र में एमफिल के लिए अंतिम बार एंट्रेंस होगा।

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