एक बार आग्रह करने पर ही पीयू की कन्वोकेशन में आने को मान गए थे प्रणव मुखर्जी

कन्वोकेशन से पहले भी पीयू में चार बार देश के राष्ट्रपति आए थे। लेकिन पहली बार किसी राषट्रपति का स्वागत आर्मी बैंड से हुआ और वो थे प्रणव मुखर्जी ।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 01 Sep 2020 02:55 PM (IST) Updated:Tue, 01 Sep 2020 02:55 PM (IST)
एक बार आग्रह करने पर ही पीयू की कन्वोकेशन में आने को मान गए थे प्रणव मुखर्जी
एक बार आग्रह करने पर ही पीयू की कन्वोकेशन में आने को मान गए थे प्रणव मुखर्जी

चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। प्रणव मुखर्जी बहुत ही साधारण और जमीन से जुड़े हुए नेता और इंसान थे। उनके विनम्र स्वभाव का हर कोई कायल था। जब मैंने एक बार उनसे पंजाब यूनिवर्सिटी की 64वीं कन्वोकेशन में मुख्य अतिथि के रूप में आने का निमंत्रण भेजा, तो उन्होंने एक बार में ही उसे स्वीकार कर लिया। देश के राष्ट्रपति होने के नाते उन्हें बहुत काम रहता था। कई बैठकों में हिस्सा लेना पड़ता है। उसके बावजूद उन्होंने मेरे एक बार कहने पर कन्वोकेशन में आने के लिए हां की। यह बात पीयू के पूर्व कुलपति प्रो. अरुण ग्रोवर ने कही। सोमवार को देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन के बाद उन्होंने शौक व्यक्त किया। इस दौरान उस समय के वीसी और रजिस्ट्रार ने कन्वोकेशन के कुछ लम्हों को दैनिक जागरण के साथ साझा किया।

पूर्व गवर्नर की पत्नी के जरिए किया था संपर्क

पूर्व कुलपति ग्रोवर ने बताया कि उन्होंने प्रणव मुखर्जी से संपर्क साधने के लिए उनकी सचिव की सहायता ली थी। उन्होंने कहा कि मेघालय और उत्तराखंड के पूर्व गवर्नर कृष्ण कांत पाल की पत्नी अमिता पाल प्रणव मुखर्जी की सचिव थी। उन्होंने केके पाल की मदद से पहले अमिता से संपर्क किया। उनसे बात करने के बाद उन्होंने प्रणव मुखर्जी से आने का आग्रह किया था।

पीयू की एक एक बात थी याद

लाहौर से लेकर कोलकाता और फिर चंडीगढ़ में स्थापित होने का सफर प्रणव मुखर्जी को अच्छे से याद था। कन्वोकेशन में उन्होंने पीयू के स्वर्णिम इतिहास की तारीफ की थी। उसके अलावा प्रणव में सबसे खास बात यह थी कि वो बहुत ही शांत स्वभाव के थे। जिन्हें सुनने के लिए हर कोई तैयार रहता था।

आर्मी बैंड ने बढ़ाई थी कन्वोकेशन की शोभा

तत्कालीन पीयू रजिस्ट्रार कर्नल (रिटायर्ड) गुलजीत सिंह चड्ढा ने बताया कि वो उनकी पहली कन्वोकेशन थी। वो चाहते थे कि देश के राष्ट्रपति का ऐसा सम्मान हो जो हमेशा याद रखा जाए। उन्होंने बताया कि उस समय वो रजिस्ट्रार बने ही थे। प्रणव मुखर्जी के स्वागत के लिए उन्होंने स्पेशल आर्मी बैंड बुलाया था। जिसने इस कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए थे। आर्मी बैंड को देख प्रणव मुखर्जी भी काफी खुश हुए थे।

पहली बार आर्मी बैंड की धुन बजी थी कैंपस में

उस कन्वोकेशन से पहले भी पीयू में चार बार देश के राष्ट्रपति आए थे। लेकिन उनका स्वागत आर्मी बैंड से नहीं हुआ था। यह पीयू इतिहास में पहली बार था जब कैंपस में आर्मी बैंड की धुन बजी थी। उसके बाद लगातार चार वर्षों तक पीयू की मुख्य कन्वोकेशन में आर्मी बैंड बजता रहा था।

लड़कियों द्वारा दी गई प्रेजेंटेशन आई थी पसंद

कर्नल चड्ढा ने कहा कि उन्हें कन्वोकेशन में सबसे ज्यादा पसंद लड़कियों की प्रेजेंटेशन आई थी। उन्होंने इसके लिए पीयू प्रशासन की काफी तारीफ की थी। उस समय पांच क्षेत्र में अपना अहम योगदान देने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया था। यह पुरस्कार भी पीयू में उस समय ही शुरू किए गए थे।

chat bot
आपका साथी