न बिजली-पानी-सीवरेज और न ही स्कूल, यह है जीरकपुर के पभात का गोदाम एरिया

सरकार का की आमदन का मुख्य जरिया इंडस्ट्री से माना जाता है लेकिन इंडस्ट्री में बने सामान को रखने की जगह ऐसी है कि वहां पर कोई खुशी से काम भी नहीं करना चाहता।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 02:05 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 02:05 PM (IST)
न बिजली-पानी-सीवरेज और न ही स्कूल, यह है जीरकपुर के पभात का गोदाम एरिया
न बिजली-पानी-सीवरेज और न ही स्कूल, यह है जीरकपुर के पभात का गोदाम एरिया

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। न बिजली, पानी, सीवरेज और न ही स्कूल, यह है जीरकपुर के पभात का गोदाम एरिया। देश आजाद हो चुका है लेकिन जीरकपुर पभात एरिया आज भी गुलामी को ढोह रहा है। पंजाब के कई इलाकों में बिजली सप्लाई की स्थिति पहले से ही बेहद खराब है। इसके अलावा पीने का पानी, सीवरेज और लेबर क्लास के बच्चों को पढ़ाई करने के लिए स्कूल भी नहीं हैं। पभात के गोदाम एरिया में इंडस्ट्री से तैयार सामान को स्टोर रखने के लिए गोदाम बनाए गए हैं। सरकार का की आमदन का मुख्य जरिया इंडस्ट्री से माना जाता है, लेकिन इंडस्ट्री में बने सामान को रखने की जगह ऐसी है कि वहां पर कोई खुशी से काम भी नहीं करना चाहता। ऐसे में सरकार के साथ-साथ प्रशासन भी सवालों के घेरे में है कि आमदन कैसे जनरेट होगी।

बिजली नहीं होने के कारण सामान चैक करने में आती है परेशानी

गोदाम में काम करने वाले अधिकारियों की मानें तो जब भी सामान फैक्ट्री से आता है तो उसे गोदाम में रखने से पहले चेक किया जाता है, लेकिन गर्मियों में तो 8 से 10 घंटे तक बिजली आती ही नहीं, तो सामान को चैक करके गोदाम में कैसे रखें। साथ ही गोदाम में रखे हुए सामान को छोटे डीलरों को सप्लाई करने में भी बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं बात करें पीने की पानी की तो हालत उससे भी बद्दतर है। पभात एरिया में 150 के करीब गोदाम हैं लेकिन पानी का कनेक्शन एक भी नहीं है। कुछ गोदामों में कनेक्शन है तो पता नहीं उसमें पानी कब तक आएगा और कब आएगा। गोदाम एरिया में एक हजार के करीब लेबर काम करती है, लेकिन शौचालय की स्थिति खराब है ,क्याेंकि सीवरेज की पाइपें सालों से बंद पड़ी है। अधिकारियों के अनुसार यदि हम शिकायत लेकर नगर परिषद आॅफिस जाते हैं तो हमसे कार्ड मांगे जाते हैं लेकिन हम कार्ड कहां से दिखाएं, क्योंकि हमने ताे यह जगह किराए पर ली हुई है।

लेबर क्लास के बच्चे पढ़ाई से कोसों दूर

सब पढ़े, सब बढ़े का नारा भी पभात में झूठा साबित हो रहा है। गोदाम में काम करने वाली लेबर के बच्चे पढ़ाई से कोसों दूर है, क्योंकि एरिया में कोई सरकारी स्कूल ही नहीं है। बच्चे पूरा दिन चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाइवे के आसपास बैठकर मस्ती करते हुए बिता देते हैं।

 

दर्शन सिंह, गोदाम कर्मचारी।

सीवरेज में है परेशानीः दर्शन सिंह

गोदाम में काम करने वाले कर्मचारी दर्शन सिंह ने बताया कि पीने का पानी तो हम बाहर मार्केट से खरीद लेते हैं लेकिन सीवरेज ठीक नहीं होने के कारण यहां रहना मुश्किल हो रहा है। नगर परिषद से कई बार अपील की चुके है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।

 

संजीव मेहता, गोदाम कर्मचारी।

रास्ता खराब होने के कारण हो चुके है हादसेः संजीव मेहता

गोदाम में काम करने वाले संजीव मेहता ने बताया कि मुख्य सड़क से अंदर गोदाम तक आने के लिए टू-व्हीलर का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन जब बारिश होती है तो वाहन पर अंदर आना मुश्किल हो जाता है। कई बार हादसे होते हैं लेकिन कोई सुनता ही नहीं है।

 

हमारे बच्चों के लिए नहीं है कोई शिक्षा

गोदाम में काम करने वाले मजदूर हरिकृष्ण ने बताया कि मुझे पभात में काम करते हुए 35 साल हाे चुके है लेकिन मेरे बच्चे कभी स्कूल नहीं गए। मेरे बच्चों के लिए कोई शिक्षा नहीं है।

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