राजनीतिक सलाहकार होंगे लाभ के पद से बाहर, सरकार आर्डिनेंस नहीं सीधा बिल लाएगी

कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकारों को लाभ के पद से बाहर निकालने के लिए आर्डिनेंस केे बजाय सीधा बिल लाने की तैयारी में है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 01 Nov 2019 01:31 PM (IST) Updated:Fri, 01 Nov 2019 09:01 PM (IST)
राजनीतिक सलाहकार होंगे लाभ के पद से बाहर, सरकार आर्डिनेंस नहीं सीधा बिल लाएगी
राजनीतिक सलाहकार होंगे लाभ के पद से बाहर, सरकार आर्डिनेंस नहीं सीधा बिल लाएगी

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के राजनीतिक सलाहकारों को लाभ के पद से बाहर निकालने के लिए आर्डिनेंस केे बजाय सीधा बिल लाने की तैयारी में है। छह नवंबर को गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को लेकर बुलाए गए विशेष सत्र के बाद विधानसभा का सत्र होगा, जिसमें वैधानिक कामकाज भी किया जाएगा।

पंजाब सरकार ने बिल का प्रारूप भी तैयार करना शुरू कर दिया है। डेरा बाबा नानक में 19 सितंबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार (राजनीतिक) और मुख्यमंत्री के सलाहकार (योजना) को 'द पंजाब स्टेट लैजिसलेचर (प्रीवेंशन ऑफ डिसक्वालीफिकेशन) एक्ट -1952' के घेरे में से बाहर निकालने के लिए आर्डिनेंस लाने का फैसला लिया गया था। चूंकि आर्डिनेंस को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजना होता है, ऐसे में सरकार को आशंका थी कि यह मामला राज्यपाल के पास अटक सकता है। यही कारण है कि सरकार विधायकों को लाभ के पद से बाहर लाने के लिए आर्डिनेंस नहीं लाई।

अब इसे बिल के रूप में विधानसभा में पेश करने की तैयारी है। छह नवंबर को सुबह होने वाले विधानसभा के इस विशेष सत्र में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर आदि शामिल होंगे। इस समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के भी शामिल होने की संभावना है। इस विशेष सत्र के खत्म होने के बाद विधानसभा का सत्र बुलाया जा सकता है, जिसमें दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के बाद वैधानिक कामकाज होगा। इसमें ही सरकार यह बिल लेकर आएगी। 

बता दें कि विशेष सत्र विधानसभा की कार्यवाही का हिस्सा नहीं बनता है। यही कारण है कि महज एक दिन की सिटिंग में सरकार अपने अटके हुए बिलों को ला सकती है। वहीं, विधानसभा में विपक्ष सत्ता पक्ष को किसी भी तरह की चुनौती देने की स्थिति में नहीं है, क्योंकि 117 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 80 विधायक हैंं।

हाई कोर्ट में है मामला, सुनवाई नौ दिसंबर को

30 अक्टूबर को छह सलाहकारों को दफ्तर भी अल\ट कर दिए गए थे। इससे पहले इन सलाहकारों को दफ्तरी कामकाज के लिए मुलाजिम भी अलॉट कर दिए गए थे। पंजाब सरकार ने यह कदम तब उठाया जब हाईकोर्ट में इस मामले में याचिका पर सुनवाई चल रही है, जिस पर अगली तारीख नौ दिसंबर की है।

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