अब ली कार्बूजिए की रियल क्रिएशन के रूप में उभरेगा प्लाजा

आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए अपनी हर क्रिएशन में प्लाजा को विशेष महत्व देते थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 11:42 PM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 11:42 PM (IST)
अब ली कार्बूजिए की रियल क्रिएशन के रूप में उभरेगा प्लाजा
अब ली कार्बूजिए की रियल क्रिएशन के रूप में उभरेगा प्लाजा

बलवान करिवाल, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ को डिजाइन करने वाले आर्किटेक्ट ली कार्बूजिए अपनी हर क्रिएशन में प्लाजा को विशेष महत्व देते थे। हर बिल्डिंग में प्लाजा छोड़ते थे और तो और घरों में भी वह स्पेस छोड़ते थे ताकि लोग पैदल घूम सकें। चंडीगढ़ का सेक्टर-17 प्लाजा ली कार्बूजिए की एक्सक्लूसिव क्रिएशन है। उन्होंने पूरे विश्व में कहीं इस तरह का कमर्शियल अर्बन प्लेस डेवलप नहीं किया। जहां इतना बड़ा प्लाजा हो और उसके चारों तरफ शोरूम हों। इसलिए यह प्लाजा खास है। वेंडर्स के जगह-जगह कब्जे से प्लाजा का अस्तित्व ही धूमिल हो गया था। कार्बूजिए की यह क्रिएशन फड़ी मार्केट में तब्दील हो चुकी थी। अब वेंडर्स के हटने से ऐसा लग रहा है जैसे प्लाजा को रुकी लंबी सांस मिली हो। ली कार्बूजिए की रियल क्रिएशन के रूप में फिर से उभर आया हो। प्लाजा चंडीगढ़ का मिड प्वाइंट है और सबसे बड़ी मार्केट भी। ली कार्बूजिए ने जिस सोच के साथ प्लाजा को डेवलप किया था। अब प्रशासन की तैयारी उसे वही रूप देने की है। लैंडस्केपिग और वुडन सिटिग चेयर्स लेंगी

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत प्लाजा की ब्यूटीफिकेशन का प्लान पहले ही तैयार है। प्लाजा के सभी शोरूम बाहर से एक जैसे दिखेंगे। बाहर कोई तार लटके नहीं दिखेंगे। बीच-बीच में वुडन सिटिग चेयर होंगी। साइकिल के लिए अलग पाथ वे बनेगा। इस पूरे एरिया की ब्यूटीफिकेशन के लिए लैंडस्केपिग होगी और ग्रीन कवर भी बढ़ाया जाएगा। ली कार्बूजिए की हर बिल्डिंग में प्लाजा होता था। उन्होंने हर छोटे बड़े घरों तक में प्लाजा यानी ओपन स्पेस छोड़ा है। इसका उद्देश्य यही था की लोग पैदल घूम सकें। सेक्टर-17 प्लाजा को तो खासतौर पर इस तरह से डिजाइन किया था। इसलिए इसमें चारों तरफ पार्किग को बाहर की तरफ ही रखा है। साइकिल पार्किग तब बाहर रोड साइड है। इसका मतलब यह था कि लोग इस एरिया में पैदल घूम सकें। इस तरह का अर्बन प्लेस कार्बूजिए ने कहीं डिजाइन नहीं किया। अब ऐसा महसूस हो रहा है जैसे चेस्ट से कंजेशन दूर हुई हो। लोगों को भी चाहिए कि इसे मेंटेन रखने में प्रशासन की मदद करें।

-दीपिका गांधी, डायरेक्टर, ली कार्बूजिए सेंटर, चंडीगढ़

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