ड्रैगन बोट टीम में चंडीगढ़ और पंजाब के इकलौता खिलाड़ी है किसान का बेटा परमिंदर सिंह

भारतीय ड्रैगन बोट टीम में शामिल चंडीगढ़ और पंजाब से इकलौते खिलाड़ी परमिंदर सिंह टीम इंडिया का ब्लू ब्लेजर पहनकर खासे खुश हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Aug 2018 06:50 PM (IST) Updated:Tue, 21 Aug 2018 11:13 AM (IST)
ड्रैगन बोट टीम में चंडीगढ़ और पंजाब के इकलौता खिलाड़ी है किसान का बेटा परमिंदर सिंह
ड्रैगन बोट टीम में चंडीगढ़ और पंजाब के इकलौता खिलाड़ी है किसान का बेटा परमिंदर सिंह

जागरण संवादददाता, चंडीगढ़ : भारतीय ड्रैगन बोट टीम में शामिल चंडीगढ़ और पंजाब से इकलौते खिलाड़ी परमिंदर सिंह टीम इंडिया का ब्लू ब्लेजर पहनकर खासे खुश हैं। परमिंदर सिंह ने बताया कि किसी भी खिलाड़ी के लिए टीम इंडिया का ब्लू ब्लेजर पहनना एक सपने के पूरे होने जैसा है। इस ब्लू ब्लेजर को पहनने के लिए एक खिलाड़ी वर्षो पसीना बहता है। मैंने भी पिछले तीन साल से दिन रात मेहनत कर रहा हूं। अब एशियन गेम्स में जा रही भारतीय टीम में मेरा सलेक्शन हुआ। कोर्ट के दखल के बाद हमारी टीम को जाने का मौका मिल रहा है, इसलिए हमारी टीम को देश के सामने खुद को साबित करना है। जिससे ड्रैगन बोट टीम के लिए सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ की राय बदले। बता दें कि खिलाड़ी परमिंदर सिंह मोगा जिले के गांव ढाला के रहने वाले हैं। खो-खो छोड़कर केनोइंग में आजमाई किस्मत

परमिंदर ने बताया कि उनकी शुरुआती पढ़ाई मोगा के ढाला गांव से हुई। स्कूल में वह खो-खो के खिलाड़ी थे। साल 2015 में कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए उन्होंने खालसा कॉलेज-26 में एडमिशन ले ली। ऐसे में उन्हीं के पड़ोसी गांव का एक लड़का पंजाब पुलिस में था, जोकि सुखना लेक पर रोइंग की प्रेक्टिस करता था। उससे कई बार सुखना लेक पर मिलने जाता था। इस दौरान उसने रोइंग खेलने के लिए प्रेरित किया। मुझे रोइंग अच्छी नहीं लगी इसलिए मैंने केनोइंग करना शुरू कर दिया। केनोइंग में नेशनल स्तर पर मेडल जीतने शुरू किए, तभी ड्रैगन बोट मैं भी प्रेक्टिस शुरू कर दी। अब टीम इंडिया में जगह मिली।

कई प्रतियोगिताओं में खुद को कर चुके हैं साबित

साल 2018 चंडीगढ़ में आयोजित कयाकिंग और केनोइंग नेशनल गेम्स के टीम इवेंट में एक गोल्ड, 2 सिल्वर और 1 ब्रांज मेडल जीता। इससे पहले केरल में आयोजित इंडिव्यूजल गेम्स में ब्रांज मेडल जीता था। ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में केनोइंग की प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हुए 2 ब्रांज मेडल जीते। भोपाल में आयोजित नेशनल गेम्स में एक ब्रांज मेडल जीता। किसान पिता बोले-बेटे की मेहनत पर भरोसा

परमिंदर के पिता रकविंदर सिंह ने बताया कि वह किसान है, इसलिए वह अपने बेटे को ज्यादा सुख सुविधाएं तो नहीं दे सके। उन्होंने अपने बेटे से खूब मेहनत करवाई है जिसका फायदा उसे अब मिल रहा है। वह खेतीबाड़ी में घिसा हुआ लड़का है, इसलिए वह काम खत्म होने तक थकता नहीं है। हमारी शुभकामनाएं हमेशा उसके साथ हैं।

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