पांच वर्षो से शहर में नहीं बना कोई नया हॉस्टल

सपना तो दिखा रहा है लेकिन स्टूडेंट्स के लिए सुविधा देना भूल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 27 Feb 2020 10:36 PM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 10:36 PM (IST)
पांच वर्षो से शहर में नहीं बना कोई नया हॉस्टल
पांच वर्षो से शहर में नहीं बना कोई नया हॉस्टल

वैभव शर्मा, चंडीगढ़ : प्रशासन शहर को एजुकेशन हब बनाने का सपना तो दिखा रहा है लेकिन स्टूडेंट्स के लिए सुविधा देना भूल रहा है। इसका सुबूत इस बात से मिलता है कि पिछले पांच वर्षो से शहर में कोई भी नया हॉस्टल नहीं बना है। इससे एक बात तो साबित होती है कि प्रशासन भी शहर में स्टूडेंट्स को सुविधा देने में नाकाम रहा है। प्रशासन की इस कमजोरी का फायदा लोगों ने अच्छे से उठाया और स्टूडेंट्स की जान के साथ खिलवाड़ किया। प्रशासन के इंजीनियरिग विभाग की लापरवाही की वजह से स्टूडेंट्स पीजी में रहने के लिए मजबूर हो रहे हैं। कॉलेजों में हॉस्टल न मिलने की वजह से स्टूडेंट्स पीजी में रह रहे हैं। वहीं, कॉलेज भी केवल स्टूडेंट्स को दाखिला देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। सरकारी कॉलेजों में हॉस्टल बनाने के अलावा अन्य मेंटेनेंस की जिम्मेदारी इंजीनियरिग विभाग की है। इंजीनियरिग के पास पहले से ही कई प्रोजेक्ट लटके हुए हैं जिनमें से हॉस्टल बनाने का प्रोजेक्ट भी एक है। इन कॉलेजों ने भेजा हॉस्टल का प्रपोजल

सरकारी कॉलेजों की जिम्मेदारी सरकार की होती है। पीजीजीसी-46, पीजीजीसीजी-42, गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज-50 ने प्रशासन को हॉस्टल बनाने का प्रपोजल कई वर्षो से भेजा हुआ है। वहीं, पीजीजीसीजी-42 में हॉस्टल बनाने के लिए 22 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। प्रपोजल सिर्फ कागजों तक सीमित

सरकारी कॉलेजों में हॉस्टल बनाने का प्रपोजल केवल कागजों तक ही सीमित रह गया है। इस बात को लेकर न तो कॉलेज प्रशासन गंभीरता दिखा रहा है और न ही प्रशासन। इससे नुकसान केवल स्टूडेंट्स का हो रहा है। पीजी से निकाले जाने के बाद उनके लिए कई मुसीबतें एक साथ खड़ी हो गई हैं। जिसमें हायर एजुकेशन की परीक्षा की तैयारियां सबसे बड़ी चुनौती हैं। कॉलेजों में हॉस्टल रूम कम, आवेदक ज्यादा

पीजीजीसी-11 में तीन हॉस्टल (दो ब्वॉयज और एक ग‌र्ल्स) है, ग‌र्ल्स हॉस्टल में 180 लड़कियां और दोनों ब्वॉयज हॉस्टल में 400 लड़के, पीजीजीसीजी-11 में केवल एक हॉस्टल बना है जिसमें करीब 180 से 200 लड़कियां रहती हैं। डीएवी-10 में दो हॉस्टल हैं जिसमें ग‌र्ल्स हॉस्टल में 390 और ब्वॉयज हॉस्टल में 500, एमसीएम फॉर वुमेन-36 में छह हॉस्टल में 957, देव समाज-45 में एक हॉस्टल में 200 लड़कियां, देव समाज-36 में एक हॉस्टल में 132 स्टूडेंट्स, बीएड कॉलेज-20 में एक ग‌र्ल्स और एक ब्वॉयज हॉस्टल है। पीजीजीसीजी-42 में एक हॉस्टल में 265 लड़कियां हैं। कई कॉलेज के हॉस्टल बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए बजट मिल चुका है। ड्राइंग प्लान फाइनल होते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

-मुकेश आनंद, चीफ इंजीनियर

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