नौ लाख की ऑनलाइन ठगी करने वाले दो आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार किया

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : ऑनलाइन कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स बेचने के नाम पर नौ लाख की ठगी करने वाले गिर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 01:44 AM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2019 06:22 AM (IST)
नौ लाख की ऑनलाइन ठगी करने वाले दो आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार किया
नौ लाख की ऑनलाइन ठगी करने वाले दो आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार किया

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : ऑनलाइन कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स बेचने के नाम पर नौ लाख की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए साइबर सेल ने गाजियाबाद और हरियाणा के पलवल में छापेमारी कर अलग-अगल मामलों में दो आरोपित गिरफ्तार किए हैं। आरोपितों की पहचान राहुल सेवाइवर और विक्रम सिंह के रूप में हुई है। पुलिस ने इनसे वारदात में इस्तेमाल किए गए मोबाइल, सिम कार्ड, लैपटॉप भी बरामद किया है। आरोपित विक्रम ने अपने तीन बैंक अकाउंट भी खुलवाए थे, जिनका इस्तेमाल वह लोगों को ऑनलाइन ठगने के लिए करता था। पुलिस ने बुधवार को आरोपितों को जिला अदालत में पेश किया जहां से आरोपितों को तीन दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सेक्टर-20 कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के ऑथोराइज्ड डीलर विजय पाल ने शिकायत में बताया था कि आरोपित ने उनको कॅाल कर कहा कि वह ऑनलइन प्रोडक्ट्स बेचते हैं और उनके प्रोडक्ट्स को भी अपनी वेबसाइट पर लिस्ट करवाकर बेचेंगे। शियकतकर्ता ने लालच में आकर उनके साथ डील कर ली। उसकी एवज में आरोपियों ने उसे एक वेबसाइट का लिक भेजा और उसमें पैमेंट करने को कहा। पीड़ित ने जैसे ही उसमें अपनी बैंक डीटेल डाली तो ठगों ने उसकी डीटेल ट्रैक कर ली। पीड़ित ने बताया कि वेबसाइट पर ओटीपी का ऑप्शन आ रहा है। आरोपियों ने उसे कहा कि उसके मोबाइल में ओटीपी आएगा जिसे उन्हें बताना होगा। आरोपितों को ओटीपी नंबर बताने पर उसके खाते से सात लाख रुपये निकल गए। इसके तुरंत बाद आरोपितों ने अपना मोबाइल बंद कर दिया। वहीं दूसरी ठगी रजनीश वर्मा नाम के शख्स के साथ हुई है। जोकि आर्टिफिशियल और फैशन ज्वैलरी की डील करता था। रजनीश वर्मा से इस गिरोह ने करीब दो लाख रुपये की ठगी की। पुलिस के साइबर सेल ने इन दोनों मामलों में आइपीसी की धारा 419, 420,120 बी और 66 डीआइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

एनी डेस्क सॉफ्टवेयर के जरिये आरोपित करते थे ठगी एनी डेस्क ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसकी मदद से दूसरे कंप्यूटर व लैपटॉप को किसी भी लोकेशन से ऑपरेट किया जा सकता है। यह टीम व्यू की तरह काम करता है। बीते दिनों कॉल सेंटर चालकों द्वारा ठगी की खबरें भी सामने आई थीं, जिसमें यूएस कनाडा को लोगों को ठगने के लिए भी इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था।

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