पंजाब में पेड़ों के अवैध कटान पर एनजीटी ने मांगी रिपोर्ट
-जीरकपुर-बठिंडा एक्सप्रेस वे के अलावा जालंधर, नवांशहर, होशियारपुर में काटे गए हजारों पेड़ -
-जीरकपुर-बठिंडा एक्सप्रेस वे के अलावा जालंधर, नवांशहर, होशियारपुर में काटे गए हजारों पेड़
-केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय व वन विभाग के चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को नोटिस
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: विकास के नाम पर पेड़ों के अवैध कटान को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) गंभीर हो गया है। जीरकपुर-बठिंडा एक्सप्रेस वे के निर्माण को लेकर काटे गए हजारों पेड़ों के मामले में एनजीटी ने सुनवाई करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय व वन विभाग के चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय कार्यालय को नोटिस जारी कर रिपोर्ट तलब की है।
ट्रिब्यूनल में इस संदर्भ में डॉ. अमनदीप अग्रवाल की तरफ से शिकायत दर्ज करवाई है कि जीरकपुर-बठिंडा एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान हजारों पेड़ों को काटा गया। इसमें पड़े पैमाने पर पेड़ों की अवैध कटाई हुई। सरकार ने पेड़ तो कटवा दिए, लेकिन नए पौधे नहीं लगवाए। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की मांग पर जापान के बैंक से सैकड़ों करोड़ का ऋण लेकर दोबारा पौधे नहीं लगाए। पंजाब में इसके अलावा और भी कई प्रोजेक्टों के नाम पर पेड़ों को काटा गया, लेकिन उनकी जगह नए पौधे नहीं लगाए गए। इनमें जालंधर, नवांशहर, होशियारपुर के प्रोजेक्ट भी शामिल हैं। सरकार का जवाब, 65 हजार पौधे लगाए
ट्रिब्यूनल ने इस संदर्भ में संबंधित विभागों से रिपोर्ट लेने के बाद क्षेत्रीय कार्यालय को यह आदेश दिए हैं कि वह पेड़ों के अवैध कटान के मामले में गंभीरता से जांच करके रिपोर्ट पेश करें। अभी तक पंजाब की तरफ से जो पक्ष पेश किया गया है उसमें बताया गया है कि होशियारपुर में होशियारपुर में 11,941 पेड़ काटने की इजाजत दी गई। इसके लिए संबंधित कानूनी प्रक्रिया भी अपनाई गई थी। वहीं, पंजाब के अन्य प्रोजेक्टों के मामले में सरकार ने बताया कि अभी तक 65,000 पौधे लगाए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त 2.18 लाख और लगाए जाने हैं।