चंडीगढ़ में नए कर्मचारियों को मिलेगा सेंट्रल पे स्केल, कहीं बदल न जाएं पंजाब सर्विस रूल्स

पंजाब की कैप्टन सरकार ने अब कई कैटेगरी के नए कर्मचारियों को सेंट्रल पे कमीशन के हिसाब से वेतन देने का फैसला लिया। ऐसे में चंडीगढ़ ने भी दो कैटेगरी में इसकी शुरुआत की है। बता दें कि चंडीगढ़ में पंजाब सर्विस रूल्स लागू होते हैं।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 01:17 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 01:17 PM (IST)
चंडीगढ़ में नए कर्मचारियों को मिलेगा सेंट्रल पे स्केल, कहीं बदल न जाएं पंजाब सर्विस रूल्स
चंडीगढ़ में पंजाब सर्विस रूल्स लागू होते हैं।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ (Chandigarh) पर छोटी-छोटी बातों को लेकर अपना अधिकार जताने वाला पंजाब अब खुद यह अधिकार छोड़ रहा है। पहले अपने कोटे के अधिकारियों को नहीं भेजने पर लगातार किरकिरी कराने वाला पंजाब अब इंप्लाइज सर्विस रूल्स (Employees Service Rules) में बदलाव पर भी शांत है।

दरअसल खुद पंजाब सरकार (Punjab Govt) ने अब कई कैटेगरी की नई भर्ती में सेंट्रल पे कमीशन के हिसाब से सैलरी देने का फैसला लिया है। इसी की तर्ज पर अब चंडीगढ़ भी दो कैटेगरी से इसकी शुरुआत कर चुका है। पंजाब की तर्ज पर अब चंडीगढ़ में भी इंप्लाइज को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग के तहत सैलरी दी जाएगी। पर्सोनल डिपार्टमेंट ने इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिए हैं। अभी क्लर्क और स्टेनो टाइपिस्ट को सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन देने की शुरुआत की जा रही है।

चंडीगढ़ में पंजाब सर्विस रूल्स लागू हैं। पंजाब सरकार ने अपने यहां अभी तक इंप्लाइज को पांचवां वेतन आयोग ही दे रखा है। लेकिन अब कुछ दिन पहले पिछली पंजाब कैबिनेट मीटिंग में नए इंप्लाइज को सातवें वेतन आयोग के तहत वेतन देने का फैसला लिया था। पंजाब सर्विस रूल्स की वजह से चंडीगढ़ में भी इंप्लाइज को पांचवां वेतन आयोग ही दिया जा रहा है। लेकिन अब चंडीगढ़ प्रशासन ने क्लर्क और स्टेनो टाइपिस्ट से सातवां वेतन आयोग देने का फैसला लिया है। अब सेंट्रल पे स्केल के बाद इंप्लाइज संगठन सर्विस रूल्स भी पंजाब की बजाय सेंट्रल ही लागू करने की मांग कर रहे हैं।

फाइनेंस सेक्रेटरी का पद अभी तक खाली

चंडीगढ़ में होम सेक्रेटरी हरियाणा कैडर से होता है तो फाइनेंस सेक्रेटरी की पोस्ट पंजाब कैडर के आइएएस से भरी जाती है। सितंबर 2020 से यह पद खाली है। पंजाब के आइएएस अधिकारी विजय नामदेवराव जेदे का चयन इसके लिए पहले से हो रखा है। लेकिन चार महीने से अधिक बीतने के बाद भी अभी तक विजय चंडीगढ़ में ज्वाइन नहीं कर पाए हैं। यह पहला मौका नहीं है जब ऐसा हो रहा है। इससे पहले भी कई बार इस तरह हो चुका है। जब कई कई महीने पंजाब के अधिकारियों को चंडीगढ़ में ज्वाइन करने नहीं भेजा जाता। अधिकारियों की किल्लत को देखते हुए दूसरे कैडर के अधिकारियों से पोस्ट भर ली जाती हैं। फिर बाद में विवाद होता है।

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