MC House Meeting: डड्डूमाजरा में चल रहे जेपी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट को टेकओवर करेगा निगम
चर्चा के दौरान सदन ने जेपी कंपनी के साथ हुए समझौते को खारिज करने का फैसला लिया। कमिश्नर केके यादव के अनुसार इसके लिए पहले कंपनी को नोटिस भेजा जाएगा।
चंडीगढ़, जेएनएन। मंगलवार को नगर निगम के सदन की बैठक में डड्डूमाजरा में चल रहे जेपी प्लांट को टेकओवर करने का फैसला ले लिया गया। बैठक के दौरान कमिश्नर केके यादव ने बताया है कि दिल्ली स्थित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने चंडीगढ़ नगर निगम को 1 माह के भीतर निर्णय लेने के लिए कहा था कि कि वह जेपी कंपनी से प्लांट चलवाएं या खुद चलाएं। ऐसे में सदन में यह प्रस्ताव रखा गया।
चर्चा के दौरान सदन ने जेपी कंपनी के साथ हुए समझौते को खारिज करने का फैसला लिया। नगर निगम कमिश्नर केके यादव ने सदन में बताया कि टेकओवर करने से पहले जेपी कंपनी को नोटिस दिया जाएगा क्योंकि बिना ऐसा किए प्लांट का कब्जा नहीं लिया जा सकता है।
पूर्व मेयर देवेश मोदगिल और राजेश कालिया ने सदन में कहा कि अब इस बात पर चर्चा होनी चाहिए कि नगर निगम किस तरह प्लांट चलाएगा। मालूम हो कि जेपी कंपनी शहर से निकलने वाले सारे कूड़े की प्रोसेसिंग करने में असफल रही है। आजकल कूड़े की समस्या पूरे शहर के लिए सिरदर्द बनी हुई है। पार्षदों ने सदन में कहा कि 1 मिनट की देरी ना करते हुए प्लांट से कब्जा नगर निगम को ले लेना चाहिए।
मंगलवार को चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में अपनी बात रखते हुए पार्षद।
कांग्रेस पार्षद दल के नेता दविंदर सिंह बबला ने कहा कि सदन की बैठक के बाद ही जेपी प्लांट पर ताला लगा देना चाहिए। हालांकि यह भी देखना चाहिए कि नगर निगम प्लांट को चलाने के लिए कौन सा मॉडल अपनाएगा। उन्होंने कहा कि शुरू से ही जेपी कंपनी की नीयत प्लांट चलाने की नहीं थी। कंपनी नगर निगम से टिपिंग फीस लेकर करोड़ों रूपये कमाना चाहती थी। मालूम हो कि जेपी कंपनी डड्डूमाजरा में साल 2008 से प्लांट चला रही है।
शहर में रोजाना निकलता है 450 टन कचरा
बता दें कि शहर में इस समय रोजाना करीब 450 टन कचरा निकल रहा है। जेपी कंपनी का प्लांट सिर्फ डेढ़ सौ टन कचरा प्रोसेस कर पा रहा है। पार्षदों ने कहा कि जो डड्डूमाजरा का डंपिंग ग्राउंड में कचरे का पहाड़ बना है उसके लिए भी जेपी कंपनी जिम्मेवार है।