विधायक शर्मा का आरोप, सरकार ने नगर काउंसिल के फंडों के किया गलत इस्तेमाल

विधायक एनके शर्मा ने आरोप लगाया कि शहर में विकास करवाने के बावजूद जीरकपुर नगर काउंसिल के पास 150 करोड रुपए पड़े थे जिसका अब राज्य सरकार दुरुपयोग कर रही है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sun, 20 Sep 2020 01:38 PM (IST) Updated:Sun, 20 Sep 2020 01:38 PM (IST)
विधायक शर्मा का आरोप, सरकार ने नगर काउंसिल के फंडों के किया गलत इस्तेमाल
विधायक शर्मा का आरोप, सरकार ने नगर काउंसिल के फंडों के किया गलत इस्तेमाल

जीरकपुर, जेएनएन। हलका विधायक एनके शर्मा ने पंजाब की मौजूदा कांग्रेस सरकार पर नगर कॉउंसिल जीरकपुर के करोड़ों रुपए के फंडों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाए हैं। शर्मा ने कहा कि इस सरकार ने नगर काउंसिल जीरकपुर के साथ 75 करोड रुपए की ठगी मारते हुए कथित तौर पर नियमों को ताक पर रखकर पैसे हड़प लिए हैं, जबकि शहर के विकास की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा और फंडों का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शहर के लोगों द्वारा टैक्स भर के शहर के विकास के लिए रखे गए फंडों का वह किसी भी हाल में दुरुपयोग नहीं होने देंगे और इसे रोकने के लिए वह कोर्ट का भी सहारा ले रहे हैं।

विधायक ने कहा कि जीरकपुर शहर की वह और उनकी टीम लंबे समय से सेवा कर रहे हैं। शहर में विकास करवाने के बावजूद जीरकपुर नगर काउंसिल के पास 150 करोड रुपए पड़े थे, जिसका अब राज्य सरकार लगातार दुरुपयोग करके विकास कार्य न करवाकर इन पैसों को और कामों के लिए इस्तेमाल कर शहर के लोगों के पैसों की लूट कर रही है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की राज्य सरकार की हालत अब यह हो गई है कि वह अन्य शहरों के विकास कार्य करवाने के लिए जीरकपुर शहर के पैसों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब वह कोरोना के कारण क्वारंटाइन थे, तो उस दौरान 17 अगस्त को स्थानीय सरकारी विभाग ने गैर कानूनी तरीके के साथ नगर काउंसिल के फंडों से नगर पंचायत किरतपुर में पेंडिंग विकास कार्यों को करवाने के लिए 12.50 करोड रुपए कर्ज के तौर पर देने का प्रस्ताव पेश किया, जोकि गैर संवधानिक है।

उन्होंने कहा कि उनके काउंसलर द्वारा मार्च 2020 में अपना टाइम समाप्त होने से पहले करोड़ों रुपए के प्रस्ताव पेश किए, जिनमें शहर की बढ़ रही पानी की जरूरत को मुख्य रखते हुए कजौली वाटर वर्क्स की तर्ज पर शहर को नहरी पानी की सप्लाई के लिए 50 करोड़ का प्रस्ताव भी शामिल था, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में शहर के विकास कार्यों के नाम पर भी फंडों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले सरकार ने एक चिट्ठी के जरिए नगर काउंसिल को बजट का 15 फीसदी पेंशन कंट्रीब्यूशन देने के लिए कहा है। काउंसिल की महीने के महीने की 10 लाख रुपए पेंशन बनती थी पर सरकार ने जीएसटी में आने वाले शेयर में 70 लाख रुपए काटना शुरू कर दिया। सरकार ने बीते साढे तीन सालों के दौरान 35 करोड रुपए गलत तरीके के साथ वसूल लिए हैं जोकि गैरकानूनी है।

हल्का विधायक ने आगे कहा कि वर्ष 2015 में पीआर-7 एरोसिटी 200 फुट रिंग रोड का काम पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने शुरू करवाया था। इस सड़क का निर्माण में काउंसिल के निर्माण में कॉउंसिल का कोई लेना-देना नहीं था पर अब सरकार की शह पर स्थानीय सरकारी विभाग ने काउंसिल को एक चिट्ठी निकालकर 19 करोड़ 14 लाख रुपए सड़क के काम के लिए वसूले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार ने शहर के विकास के लिए फंड तो क्या देना था, उल्टा काउंसिल के 75 करोड रुपए फंड गलत तरीके के साथ हड़प लिए। उन्होंने कहा कि सरकार की इस लूट को रोकने के लिए वह अपनी टीम द्वारा शहर के हितों को मुख्य रखते लोगों द्वारा शहर के विकास के लिए दिए गए पैसों की किसी भी कीमत पर लूटने नहीं देंगे। जिसके लिए वह अदालत का सहारा लेंगे।

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