आइपीएस अफसरों की प्रमोशन के लिए पॉलिसी में मेहरबानी

-केंद्र में इंपैनल होते ही डीजीपी डिमोट होकर बन जाते हैं एडीजीपी -पंजाब में हैं 11 डीजीपी व 20 ए

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Apr 2018 06:27 PM (IST) Updated:Sun, 29 Apr 2018 06:27 PM (IST)
आइपीएस अफसरों की प्रमोशन के लिए पॉलिसी में मेहरबानी
आइपीएस अफसरों की प्रमोशन के लिए पॉलिसी में मेहरबानी

-केंद्र में इंपैनल होते ही डीजीपी डिमोट होकर बन जाते हैं एडीजीपी

-पंजाब में हैं 11 डीजीपी व 20 एडीजीपी की फौज

---

मनोज त्रिपाठी, चंडीगढ़: सरकार व पुलिस अफसर कैसे एक दूसरे के लिए काम करते हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में तैनाती के समय सरकार के चहेते अफसर जब केंद्र में इंपैनलमेंट (केंद्रीय डेपुटेशन) पर जाते हैं, तो वहा खुशी से डीजीपी से एडीजीपी और एडीजीपी से आइजी बन जाते हैं। चार दिन पहले पंजाब में डीजीपी के पदों पर तैनात तीन आइपीएस अफसरों दिनकर गुप्ता, एमके तिवारी व वीके भावरा को केंद्र की ओर से डीजीपी की बजाय एडीजी (एडीजीपी) के पदों पर इंपैनल करने के बाद राज्य सरकार की प्रमोशन पॉलिसी की पोल खुल गई है।

केंद्र सरकार देश के विभिन्न राज्यों व यूटी में तैनात आइपीएस अफसरों की वरिष्ठता सूची तैयार करवाती है। इस लिस्ट में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से निर्धारित प्रमोशन व वरिष्ठता पॉलिसी का पालन किया जाता है। निर्धारित समय में सरकार की तरफ से कैबिनेट की कमेटी यह फैसला करती है कि किन पुलिस अफसरों का इंपैनलमेंट केंद्र के साथ करना है। कमेटी के पास आने वाले आइपीएस अफसरों की उपलब्धियों के हिसाब से उनका इंपैमनलमेंट किया जाता है। इसे एक प्रकार का डेपुटेशन भी कहा जाता है। इंपैनलमेंट होने के बाद चार साल के लिए उक्त अधिकारी को केंद्रीय पुलिस बलों में तैनात किया जाता है। इंपैनलमेंट के दौरान वरिष्ठता के हिसाब से उक्त अफसरों को रैंक दिए जाते हैं। यहा पर राज्य सरकार की प्रमोशन पॉलिसी की पोल खुल जाती है और वरिष्ठ अधिकारी डिमोट होकर केंद्रीय पुलिस व सुरक्षा बलों में तैनात किए जाते हैं। चार दिन पहले भी पंजाब से इंपैनलमेंट किए गए डीजीपी दिनकर गुप्ता, एमके तिवारी व वीके भावरा को केंद्र में डीजीपी की बजाय एडीजी के पद पर तैनात किया गया है। राज्य सरकार जिन अफसरों पर मेहरबान होती है, उन्हें आइपीएस अगेंस्ट प्रमोशन कोटा, इंडियन पुलिस सर्विस रूल्स 1954 के तहत प्रमोट करके खुश कर देती है। यही वजह है कि राज्य सरकार आइपीएस अफसरों के प्रमोशन में डीआर कोटा की बजाय आइपीएस अगेंस्ट प्रमोशन कोटा पॉलिसी का इस्तेमाल करती है।

पंजाब में मौजूदा समय में 11 डीजीपी व 20 एडीजीपी अफसरों की फौज है। काग्रेस सरकार ने पाच एडीजीपी को प्रमोट करके डीजीपी बना दिया था। इसी प्रकार 13 आइजी प्रमोट करके एडीजीपी बना दिए गए। फिलहाल तीन डीजीपी के केंद्रीय डेपुटेशन पर जाने के बाद अब डीजीपी की संख्या 8 रह गई है। इनमें भी एसएस सैनी व सुरेश अरोड़ा का कार्यकाल इसी साल समाप्त हो रहा है। उसके बाद यह संख्या 6 रह जाएगी। सीधी भाषा में कहा जाए, तो पुलिस अफसरों को लोकल रैंक देकर प्रमोट करने को लेकर सरकार की कौन से मजबूरी होती है, सरकार को आम लोगों को इसका जवाब भी देना चाहिए। अभी ये हैं डीजीपी

सुरेश अरोड़ा, सुमेध सिंह सैनी, एसके गोयल, मोहम्मद मुस्तफा, एचएस ढिल्लों, जसमिंदर सिंह, एस चट्टोपाध्याय, दिनकर गुप्ता, सीएसआर रेड्डी, एमके तिवारी, वीके भावरा। इनमें से तीन को चार दिन पहले केंद्र में इंपैनलमेंट किया जा चुका है। सब कुछ पॉलिसी के हिसाब से होता है: डीजीपी

डीजीपी सुरेश अरोड़ा कहते हैं कि चाहे पंजाब हो या केंद्र आइपीएस अफसरों के काडर से लेकर प्रमोशन तक की पॉलिसी निर्धारित है। उसी पॉलिसी के हिसाब से अफसरों को काडर दिए जाते हैं और प्रमोशन भी। सेवाकाल की वरिष्ठता के अलावा अफसरों की कार्यप्रणाली व उनकी उपलब्धिया भी प्रमोशन में सहायक होती हैं। ये हैं आइपीएस अफसरों के प्रमोशन के नियम

-डीजीआइजी के लिए 14 साल का सेवाकाल पूरा करना अनिवार्य

-आइजी के लिए 18 साल का सेवाकाल

-एडीजीपी के लिए 16 साल का सेवाकाल

-डीजीपी के लिए 30 साल का सेवाकाल डीजी व एडीजी के पद पूरे

केंद्रीय सुरक्षा व पुलिस बलों में डीजी व एडीजी के पद फिलहाल फुल हो चुके हैं। डीजी के पद 2019 तक फुल हैं, तो एडीजी के खाली चार पदों को इसी माह भर लिया गया है। अब केवल आइजी के 6, डीआइजी के 59 व एसपी रैंक के 8 पद ही खाली हैं। केंद्रीय पुलिस विभागों में खाली अफसरों के पद

फोर्स का नाम- डीजी- एडीजी- आइजी- डीआइजी- एसपी

बीपीआरएंडडी- 00- 00- 01- 01- 08

बीएसएफ- 00- 00- 02- 07- 00

सीआइएसएफ- 00- 01- 02- 11- 00

सीआरपीएफ- 00- 01- 01- 17- 00

आइटीबीपी- 00- 00- 00- 06- 00

एनसीबी- 00- 00- 00- 00- 00

एनडीआरएफ- 00- 00- 00- 00- 00

एनएसजी- 00- 00- 00- 00- 00

एसएसबी- 00- 00- 00- 17- 00

chat bot
आपका साथी