लंगर के बर्तनों में कनाडा सप्लाई होता था नशा, गिरोह का पर्दाफाश, चार धरे

-जालंधर के फिल्लौर से हुई गिरफ्तारी, कूरियर से होती थी नशीले पदार्थो की सप्लाई -ईडी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jun 2018 09:50 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jun 2018 09:50 PM (IST)
लंगर के बर्तनों में कनाडा सप्लाई होता था नशा, गिरोह का पर्दाफाश, चार धरे
लंगर के बर्तनों में कनाडा सप्लाई होता था नशा, गिरोह का पर्दाफाश, चार धरे

-जालंधर के फिल्लौर से हुई गिरफ्तारी, कूरियर से होती थी नशीले पदार्थो की सप्लाई

-ईडी व काउंटर इंटेलीजेंस ने बरामद की 4.75 किलो केटामाइन व 6 किलो अफीम

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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: पंजाब पुलिस ने नशा तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश कर इसके चार सदस्यों को फिल्लौर (जालंधर) के गाव नागर से गिरफ्तार किया है। कनाडा से संचालित किए जा रहे इस गिरोह के सदस्यों से 4.75 किलो केटामाइन व 6 किलो अफीम बरामद की गई है। एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) व काउंटर इंटेलीजेंस की टीमें लंबे समय से इस गिरोह के सदस्यों का पीछा कर रही थीं।

एआइजी काउंटर इंटेलीजेंस हरकंवलप्रीत सिंह खख काफी समय से टोरंटो निवासी कनाडा के नागरिक कमलजीत सिंह चौहान पर नजर रखे हुए थे। नशा तस्करी में बड़ा चेहरा कनेडियन नागरिक दविंदर देव भी इसी रैकेट का सक्रिय सदस्य है। श्रीगंगानगर (राजस्थान) निवासी देव काफी समय से गुरबक्श सिंह नगर (खन्ना, लुधियाना) में रहा था। जालंधर देहाती पुलिस, काउंटर इंटेलीजेंस व एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीमों की संयुक्त कार्रवाई में चारों को जंडूसिंघा के टी प्वाइंट पर विशेष चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया। चारों निसान माइक्रा व निसान टरेनो कार से जा रहे थे। उनसे लंगर बनाने वाले बर्तन में छिपाकर ले जाई जा रही 4.75 किलो केटामाइन व 6 किलो अफीम बरामद की गई। उनके पास से सात बड़े भगौने (कुकिंग बाउल) में छिपा कर रखे नशीले पदार्थ बरामद किए गए। यह सभी एक कूरियर कंपनी से कनाडा के लिए बाउल में छिपा कर रखे नशीले पदार्थो को कूरियर करने जा रहे थे। नशीले पदार्थो की तस्करी के लिए यह रैकेट निजी कूरियर कंपनियों का इस्तेमाल करता था। इनकी हुई गिरफ्तारी

-दविंदर देव: श्रीगंगानगर (राजस्थान)

-अजीत सिंह: पतारा (जालंधर)

-त्रिलोचन सिंह: पतारा (जालंधर)

-गुरबक्श सिंह: बुलोवाल (होशियारपुर) कनाडा से हुई डील, ट्रायल के लिए दो बार भेजी अफीम

गिरोह के मास्टरमाइंड कनाडा के टोरंटो निवासी कमलजीत सिंह चौहान ने सर्दियों में भारत आकर इन लोगों से नशा तस्करी की डील फिक्स की थी। देव भारत से नशीले पदार्थो की खरीद कर उसे चौहान के लिए कूरियर कंपनी से कनाडा भेजता था। ट्रायल के तौर पर उन्होंने 6 व 14 किलो अफीम दो बार भेजी थी। इन्हें जालंधर बस स्टैंड के पास उनसे चौहान के करीबी ने कूरियर कंपनी के माध्यम से चौहान को भेजा था। मिठाई के डिब्बों में भेजी गई अफीम मिलने के बाद चौहान ने उन्हें केटामाइन की सप्लाई के लिए बोला था। चौहान के कहने पर अजीत सिंह जीत ने मालेरकोटला (संगरूर) से 14 कुकिंग बाउल्स खरीदे थे। दो बाउल को जोड़ कर उसके अंदर नशीले पदार्थ छिपाकर भेजने की योजना थी। अफीम की खरीद मध्यप्रदेश व केटामाइन की खरीद रामपुर (उत्तर प्रदेश) से मंगवाई थी। इसके लिए अजीत ने अपने ट्रक ड्राइवर भाई त्रिलोचन सिंह व चचेरे भाई गुरबक्श सिंह की मदद ली थी। जालंधर के शेखा बाजार स्थित श्री देव कूरियर से नशीले पदार्थो की सप्लाई को लेकर बाउल दिए गए थे, लेकिन चौहान के कहने पर उन्होंने नकली आइडी के जरिए दूसरी कूरियर कंपनी से इन्हें भेजने का फैसला किया था। पुलिस ने इस मामले में पाच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। देव ने जयपुर में खरीदा कमर्शियल प्लाजा

-पुलिस ने देव को 2011 में नशा तस्करी में गिरफ्तार किया था। देव ने नशे के कारोबार से जयपुर में 6000 वर्गफीट का कमर्शियल प्लाजा भी खरीदा था। साथ ही करोड़ों की प्रापर्टी बनाई थी। ईडी ने उसे सीज कर रखा है।

-दविंदर नशीले पदार्थो के लिए महाराष्ट्र, गोवा, राजस्थान, दुबई व कनाडा तक के रैकेट से जुड़ा था। हाल ही में उसने गुजरात के कंडला पोर्ट से कनाडा के लिए पाच क्विंटल केटामाइन कंटेनरों के जरिए तस्करी की थी।

-अजीत सिंह जीत नशा तस्करी में सितंबर 2017 तक जेल में बंद था। जेल से छूटने के बाद वह देव के संपर्क में आया था।

-अजीत नशीले पदार्थ उपलब्ध करवाता था और देव उसे विदेशी कस्टमर्स को चौहान के जरिए सप्लाई करता था। हवाला के जरिए होता था लेन-देन

नशा तस्करी को लेकर इस रैकेट के सदस्यों को कनाडा से हवाला के जरिए धनराशि का आदान-प्रदान होता था। इनके लिए कौन-कौन से हवाला कारोबारी काम करते थे। पुलिस उनकी पड़ताल में जुटी है।

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