पांच सालों से फाइलों पर ही हो रहा कैट थ्री का इंस्टालेशन, तीन बार टल चुकी है डेडलाइन

एयरपोर्ट प्रबंधन के अधिकारियों का कहना है कि अभी तमाम तरह की औपचारिकताओं को चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने पूरा कर लिया और अपनी रिपोर्ट एयरपोर्ट अथॉरिटी अॉफ इंडिया को दे दी है। अब कैट थ्री इंस्टालेशन का काम कब तक शुरू होगा इसकी जानकारी एयरपोर्ट अथॉरिटी दे सकती है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sat, 03 Oct 2020 01:01 PM (IST) Updated:Sat, 03 Oct 2020 01:01 PM (IST)
पांच सालों से फाइलों पर ही हो रहा कैट थ्री का इंस्टालेशन, तीन बार टल चुकी है डेडलाइन
2015 में कैट थ्री इंस्टॉलेशन में हो रही देरी को लेकर हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई।

चंडीगढ़, विकास शर्मा। रनवे विस्तार का काम पूरा होने के बाद सिविल एविएशन मिनिस्ट्री, इंडियन एयरफोर्स और एयरपोर्ट अथॉरिटी अॉफ इंडिया ने चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए आइएलएस कैट -3 इंस्टॉलेशन की बात कही थी। तीन बार इंस्टॉलेशन की डेडलाइन देने के बाद भी कैट थ्री इंस्टालेशन का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। पहले 0.6 एकड़ जमीन अधिग्रहण पर बात अटकी और फिर डिफेंस मिनिस्ट्री की अनुमति मिलने में देर होती रही।

साल 2015 में कैट थ्री इंस्टॉलेशन में हो रही देरी को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। मामले की अगली तारीख छह अक्टूबर को है। ऐसे में एयरपोर्ट प्रबंधन के अधिकारियों का कहना है कि अभी तमाम तरह की औपचारिकताओं को चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने पूरा कर लिया और अपनी रिपोर्ट एयरपोर्ट अथॉरिटी अॉफ इंडिया को दे दी है। अब कैट थ्री इंस्टालेशन का काम कब तक शुरू होगा, इसकी सही जानकारी एयरपोर्ट अथॉरिटी अॉफ इंडिया ही दे सकती है।

तीन बार टली कैट थ्री इंस्टॉलेशन की डेडलाइन

रनवे विस्तार का काम पूरा होने के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन ने बताया था कि अक्टूबर 2019 तक कैट-3 इंस्टॉल कर दिया जाएगा। यह पहली डेडलाइन थी। दूसरी डेडलाइन दिसंबर 2019 दी गई। तीसरी डेडलाइन अक्टूबर 2020 दी गई। बावजूद इसके जमीनी हकीकत यह है कि अभी कैट -3 इंस्टॉलेशन का काम शुरू नहीं हो पाया है।

अभी 350 मीटर विजिबिलिटी होने पर ही होता है फ्लाइट संचालन

चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मौजूदा इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम कैट- 2 के सहारे फ्लाइट्स का संचालन हो रहा है। कैट टू की मदद से न्यूनतम 350 मीटर की विजिबिलिटी पर लैंडिंग हो सकती है। दिक्कत यह है कि विंटर सीजन में धुंध ज्यादा होने की वजह से फ्लाइट शेड्यूल बिगड़ जाता है, जिस वजह से विमानन कंपनियों को खासा नुकसान होता है। सर्दियों में बार-बार होने वाली इस दिक्कत से विमानन कंपनियां हर साल सुबह-शाम उड़ान की अपनी फ्लाइट्स को रद कर देती हैं, ताकि यात्रियों को दिक्कत न हो।

मौजूदा समय में कैट थ्री इंस्टॉलेशन में नहीं होती परेशानी

इसके अलावा एयरपोर्ट प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों की यह दलील भी रहती थी कि कैट -3 इंस्टॉलेशन में छह महीने से ज्यादा का समय लगेगा, ऐसे में विमानन कंपनियों को खासा नुकसान होगा और लोगों को परेशानी होगी। इसलिए कैट थ्री इंस्टॉलेशन में देरी हो रही है। गौरतलब है कि मौजूदा समय में एयरपोर्ट से मात्र 12 फ्लाइट्स का संचालन हो रहा है, जबकि इससे पहले पहले 32 फ्लाइट्स का संचालन होता था। इसके अलावा यात्रियों की आवाजाही में 60 फीसद तक कमी आई है। ऐसे में एयरपोर्ट अथॉरिटी अॉफ इंडिया इस समय कैट थ्री इंस्टॉलेशन करवा सकती है।

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