Solar City के रूप में उभरा चंडीगढ़, छत पर फ्री में सोलर प्लांट लगाने पर सस्ती मिलेगी बिजली
अब इसका चंडीगढ़ में विकसित रिन्यूअल एनर्जी सर्विस कंपनी (रेस्को) मॉडल दूसरे शहरों के लिए भी नई मिसाल बनेगा। इसके तहत बिना किसी खर्च के लोगों के घर भी बिजली से रोशन होंगे।
चंडीगढ़, [बलवान करिवाल]। सीमित एरिया होने के बावजूद चंडीगढ़ देश में मॉडल रूफटॉप सोलर सिटी के रूप में पहचान बना चुका है। अब इसका चंडीगढ़ में विकसित रिन्यूअल एनर्जी सर्विस कंपनी (रेस्को) मॉडल दूसरे शहरों के लिए भी नई मिसाल बनेगा। इसके तहत बिना किसी खर्च के लोगों के घर भी बिजली से रोशन होंगे और उन्हें कमाई भी होगी। यह प्रोजेक्ट उन लोगों के लिए सबसे अच्छा है जो सोलर प्रोजेक्ट तो लगवाना चाहते हैं लेकिन इन्वेस्टमेंट नहीं करना चाहते।
क्रेस्ट ने मॉडल को दी है अप्रूवल
चंडीगढ़ रिन्यूअल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी प्रमोशन सोसायटी (क्रेस्ट) शहर में सोलर प्लांट लगाने की नोडल एजेंसी है। इस एजेंसी ने ही नए मॉडल को अप्रूवल दी है। इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट से फाइल क्लीयर होते ही इसके तहत प्रोजेक्ट लगने लगेंगे। क्रेस्ट के इस मॉडल के तहत तीन या इससे अधिक कंपनियों को पैनल में शामिल किया जाएगा। जो प्लांट लगाएंगी।
2022 तक 69 मेगावाट उत्पादन का लक्ष्य
मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्यूअल एनर्जी (एमएनआरई) ने 2022 तक सोलर जेनरेशन का लक्ष्य 50 से बढ़ाकर 69 मेगावाट कर दिया है। अभी जितने भी सोलर प्रोजेक्ट लगे हैं उनसे 34 मेगावाट सोलर एनर्जी जेनरेट हो रही है। लगभग सभी गवर्नमेंट बिल्डिंग सोलर प्रोजेक्ट से कवर हो चुकी हैं।
यूटी प्रशासन ने 500 स्क्वेयर यार्ड या इससे अधिक एरिया के घरों और बिल्डिंग पर सोलर प्रोजेक्ट लगवाना अनिवार्य कर रखा है। तीन हजार से अधिक घरों पर लग भी चुका है। लेकिन कई बार समय सीमा बढ़ाने के बाद भी काफी मकान ऐसे हैं जिन्होंने प्रोजेक्ट नहीं लगवाया। इसका एक कारण यह भी है कि मकान मालिक प्रोजेक्ट में अपना पैसा इन्वेस्ट नहीं करना चाहते। इसके लिए ही क्रेस्ट ने रेस्को मॉडल शुरू किया है।