इंस्पेक्टर और कांस्टेबल मांग रहे थे रिश्वत; सीबीआइ की टीम ने किए गिरफ्तार, एक फरार

एक लाख रुपये रिश्वत मांगने वाले मौलीजागरां के थाना प्रभारी बलजीत सिंह, कांस्टेबल सुरेंदर दहिया को सोमवार को सीबीआइ ने थाने के अंदर से ही गिरफ्तार कर लिया।

By Edited By: Publish:Mon, 28 Jan 2019 09:28 PM (IST) Updated:Tue, 29 Jan 2019 10:21 AM (IST)
इंस्पेक्टर और कांस्टेबल मांग रहे थे रिश्वत; सीबीआइ की टीम ने किए गिरफ्तार, एक फरार
इंस्पेक्टर और कांस्टेबल मांग रहे थे रिश्वत; सीबीआइ की टीम ने किए गिरफ्तार, एक फरार

जेएनएन, चंडीगढ़। विकास नगर, मौलीजागरां स्थित अहाता संचालक के भतीजे को नशे के केस में फंसाने की धमकी देकर एक लाख रुपये रिश्वत मांगने वाले मौलीजागरां के थाना प्रभारी बलजीत सिंह, कांस्टेबल सुरेंदर दहिया को सोमवार को सीबीआइ ने थाने के अंदर से ही गिरफ्तार कर लिया। जबकि रूम में मौजूद तीसरा आरोपित कांस्टेबल प्रमोद मौके से फरार हो गया। कांस्टेबल सुरेंदर के पास पहले ही सीबीआइ 45 हजार रुपये कैश बरामद कर चुकी थी। सीबीआइ ने इंस्पेक्टर बलजीत सिंह, कांस्टेबल सुरेंदर दहिया के खिलाफ करप्शन एक्ट की धारा के तहत केस दर्ज किया है। कांस्टेबल प्रमोद के खिलाफ जांच जारी है। सुरेंदर की स्विफ्ट कार भी जब्त कर ली है। जिसमें शराब की बोतलें मिली हैं। इससे पहले भी बलजीत लगभग 11 साल पहले मौलीजागरां में ही चौकी इंचार्ज रहते रिश्वत लेते हुए सीबीआइ के हत्थे चढ़ चुका है। सीबीआइ द्वारा आरोपितों से रेलवे स्टेशन के गेस्ट हाउस में देर रात तक पूछताछ जारी थी।

गांजा पीते गिरफ्तार किया था भतीजा

शिकायतकर्ता रमेश मौलीजागरां में परिवार के साथ रहते हैं। उनका विकास नगर, मौलीजागरां में अहाता है। शिकायतकर्ता के अनुसार 26 जनवरी की शाम मौलीजागरां थाना पुलिस ने 12 लोगों को एरिया से गांजा पीते गिरफ्तार किया था। उनमें उसका भतीजा गौरव और उसका दोस्त भी शामिल था। जिसके बाद उसे छुड़ाने मौलीजागरां थाने पहुंचे थे। वहां पर थाना प्रभारी बलजीत सिंह ने कहा कि आरोपितों पर नशा बेचने का केस डाला जा रहा है। शिकायतकर्ता के अनुसार, बातचीत करने के बाद बलजीत ने उनसे बोला कि तुम कांस्टेबल सुरेंदर और प्रमोद से जाकर मिल लेना। जिसके बाद दोनों कांस्टेबलों से बातचीत करने के बाद उन्होंने दोनों लड़कों को छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये की डिमांड की।

55 हजार में तय हुआ था सौदा, 10 हजार लिए थे एडवांस

दूसरे दिन 27 जनवरी को किसी रिश्तेदार और बलजीत के जानकार को बीच में रख बात करने पर पैसा कम करके 80 हजार मांगे। लेकिन बाद में 55 हजार रुपये में मामला तय हुआ। उसी दिन 10 हजार रुपये एडवांस लेकर पुलिसकर्मियों ने दोनों युवकों को छोड़ दिया। जिसके बाद बाकी के 45 हजार रुपये 28 जनवरी को देने की बात हुई थी। इसी बीच रमेश ने सीबीआइ को शिकायत कर दी।

काम हो गया, थाने आ रहा हूं सुबह

सीबीआइ के ट्रैप के अनुसार शिकायतकर्ता ने बलजीत से अहाते में पैसे देने की बात की। 12.30 बजे आहते में कांस्टेबल सुरेंदर 45 हजार पेमेंट लेने रमेश के पास गया। वहां से पूरा पैसा लेने के बाद उसने इंस्पेक्टर बलजीत को कॉल कर बताया कि काम हो गया। जिसके बाद बलजीत सिंह ने कहां कि वह थाने में है, वहीं आ जा। कांस्टेबल सुरेंदर पैसे का बैग गाड़ी में रखकर मौलीजागरां थाने के प्रभारी के रूम में पहुंचा। वहां पहले से थाना प्रभारी और कांस्टेबल प्रमोद मौजूद था। सीबीआइ टीम को देखकर इंस्पेक्टर बलजीत ने भागने की कोशिश की, लेकिन उसे दबोच लिया गया। जबकि प्रमोद भाग गया।

कांस्टेबल सुरेंदर बना मोहरा

सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने ट्रैप लगाकर आहते से पैसे लेते ही कांस्टेबल सुरेंदर को दबोच लिया था। जिसके बाद टीम के इशारे पर उसने थाना प्रभारी बलजीत को काम हो जाने की फोन पर जानकारी दी थी। टीम कांस्टेबल सुरेंदर की गाड़ी के पीछे-पीछे थाने तक पहुंची। सुरेंदर के थाना प्रभारी के रूम में जाते ही अंदर घुस गई।

राजेश शुक्ला के खिलाफ शिकायत देने वाले को भी सीबीआइ ने बुलाया

सेक्टर-34 थाने के प्रभारी रहने वाले और 10 हजार रिश्वत मामले में गिरफ्तार पूर्व इंस्पेक्टर राजेश शुक्ला के खिलाफ शिकायत देने वाले ललित जोशी को देर शाम सीबीआइ ने रेलवे गेस्ट हाउस में बुलाया। ललित जोशी ने बताया कि राजेश शुक्ला को पकड़वाने के कारण इंस्पेक्टर बलजीत सिंह ने थाना प्रभारी बनते ही उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज कर दिया था। जिसके बाद उन्होंने सीबीआइ को भी शिकायत दी। सीबीआइ ने जांच के बाद रिपोर्ट दी कि इंस्पेक्टर बलजीत ने अपनी पावर का मिसयूज कर ललित के खिलाफ केस दर्ज किया है।

सेक्टर-34 थाने से बलजीत को किया गया था लाइन हाजिर

सीबीआइ टीम ने सोमवार देर शाम सेक्टर-34 थाने से बलजीत के लाइन हाजिर होने के मामले में शिकायतकर्ता सेक्टर-26 पंचकूला निवासी शिव शक्ति शर्मा को रेलवे गेस्ट हाउस में बलजीत सिंह के सामने बुलाकर बयान दर्ज किया। शिव शक्ति शर्मा ने बताया कि मई 2016 में सेक्टर-32 स्थित एक एससीओ मालिक के साथ उनका ट्रेस पा¨सग का केस चल रहा था। जिसकी जांच कर तत्कालीन थाना प्रभारी बलजीत सिंह ने गलत रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की थी। जिसके बाद शिव शक्ति ने हाईकोर्ट में अपील कर दी। हाईकोर्ट के आदेश पर यूटी विजिलेंस ने जांच करके बलजीत को गलत पाया था। उनकी रिपोर्ट के आधार पर बलजीत को सेक्टर-34 थाना प्रभारी से लाइन हाजिर कर दिया गया था।

शिकायत के बाद रेलवे गेस्ट हाउस में रुकी रही टीम

27 जनवरी की शाम रमेश की शिकायत के बाद सीबीआइ टीम ने रेलवे गेस्ट हाउस में कमरा बुक करवा ट्रैप की तैयारी की थी। रेलवे गेस्ट हाउस मौलीजागरां थाने के सबसे करीब है। मौका मिलने के बाद सीबीआइ टीम ने ट्रैप को आगे बढ़ा आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।

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