चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अपना वोट खराब करने वाले पार्षदों की पहचान, पार्टी से बाहर होंगे दोनों काउंसलर

बीते आठ जनवरी को चंडीगढ़ का नया मेयर भाजपा के रविकांत शर्मा को चुना गया लेकिन इस दौरान पार्टी के दो पार्षदों ने जानबूझकर अपना वोट खराब किया था। इनकी पहचान करने के लिए भाजपा ने एक कमेटी बनाई थी। अब दोनों पार्षदों की पहचान हो चुकी है।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 01:53 PM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 01:53 PM (IST)
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में अपना वोट खराब करने वाले पार्षदों की पहचान, पार्टी से बाहर होंगे दोनों काउंसलर
मेयर चुनाव के दौरान दोनों पार्षदों ने भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगाई थी।

चंडीगढ़ [राजेश ढल्ल]। आठ जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान जिन दो पार्षदों ने जानबूझकर अपने वाेट खराब करके पार्टी से गद्दारी की थी, उनकी पहचान भाजपा ने कर ली है। जल्द ही भाजपा अध्यक्ष पार्टी प्रभारी दुष्यंत गौतम से सलाह-मशवरा करके इन पार्षदाें पर कार्रवाई की योजना बनाई जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि कमेटी ने दोनों पार्षदों की पहचान कर ली है। इन दोनों पार्षदों को पार्टी से निकाल दिया जाएगा। ऐसे में यह पार्षद इस साल के अंत में होने वाले नगर निगम चुनाव में फिर से भाजपा की टिकट पर चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ऐसा पहली बार होगा, जब पार्टी क्रॉस वोटिंग करने वालों पर कार्रवाई करने जा रही है। पार्टी ऐसे पार्षदों पर कार्रवाई करके भविष्य के लिए पार्षदों को पार्टी उम्मीदवार के प्रति ईमानदारी रखने का मैसेज देना चाहती है। फरवरी माह के पहले सप्ताह तक दोनों पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं, इस कार्रवाई से भाजपा में एक बड़ा राजनीतिक भूचाल आने की संभावना भी बन रही है। 

दस जनवरी को बनी थी कमेटी 

पार्टी प्रभारी एवं सांसद दुष्यंत गौतम के निर्देश पर तीन सदस्य कमेटी का गठन कर दिया है। जिसमें प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र बाहगा को कमेटी का संयोजक बनाया गया है, जबकि प्रदेश महामंत्री चंद्रशेखर और रामवीर भट्टी को सदस्य बनाया गया है। मालूम हो कि मेयर चुनाव में रविकांत शर्मा को 17 वोट मिले थे, जबकि दो वोट चुनाव अधिकारी ने खारिज बताए थे, क्योंकि इन दोनों भाजपा पार्षदों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवारों को वोट के लिए मुहर लगा दी थी, जिससे वोट रद्द हो गए। अगर यह दो वोट खारिज न होते तो रविकांत शर्मा को सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव की तरह ही 19 पार्षदों के वोट मिलते। भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद का कहना है कि जिन दो पार्षदों ने वोट खारिज की है, जल्द ही उनके नाम सामने आ जाएंगे।

इन पर कौन करेगा कार्रवाई

इससे पहले साल 2019 जब भाजपा ने मेयर पद का उम्मीदवार राजेश कालिया को बनाया था तो सतीश कैंथ ने बागी होकर कांग्रेस के समर्थन से चुनाव लड़ा था। उस समय पार्टी के छह पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग किया था। सतीश कैंथ को 11 वोट हासिल हुए थे। उसके बाद कैंथ को भाजपा से बाहर करते हुए कमेटी का गठन किया था। कमेटी के चेयरमैन वर्तमान मेयर रविकांत शर्मा थे, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट पार्टी को सौंप दी थी। उस रिपोर्ट पर पार्टी ने आजतक कोई कार्रवाई नहीं की है। सतीश कैंथ इस समय कांग्रेस पार्टी में हैं।

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