High Court ने यूटी प्रशासन के आदेश किए खारिज, विधानसभा के ओएसडी को पद के हिसाब से मकान देने के आदेश

विधानसभा ओएसडी को उसकी श्रेणी से नीचे का मकान पहले से ही अलॉट होने की दलील देते हुए उनकी श्रेणी के बराबर का मकान देने से इन्कार करने वाले आदेश हाई कोर्ट ने खारिज कर दिए हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 11:45 AM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 04:55 PM (IST)
High Court ने यूटी प्रशासन के आदेश किए खारिज, विधानसभा के ओएसडी को पद के हिसाब से मकान देने के आदेश
High Court ने यूटी प्रशासन के आदेश किए खारिज, विधानसभा के ओएसडी को पद के हिसाब से मकान देने के आदेश

राज्य ब्यूरो, चंड़ीगढ़। चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा पंजाब के विधानसभा ओएसडी को उसकी श्रेणी से नीचे का मकान पहले से ही अलॉट होने की दलील देते हुए उनकी श्रेणी के बराबर का मकान देने से इन्कार करने वाले आदेश पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिए हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि पूर्व में छोटी श्रेणी का सरकारी मकान होना अपनी श्रेणी के मकान की अलॉटमेंट से इन्कार का आधार नहीं हो सकता है।

याचिका दाखिल करते हुए राजेंद्र प्रसाद ने बताया था कि वह पंजाब विधानसभा में ओएसडी के पद पर कार्यरत है। उनके पास वर्तमान में टाइप-13 का मकान है जो उनकी श्रेणी से कम का है। पंजाब सरकार ने अभी उन्हें श्रेणी-10 का मकान चंडीगढ़ में पंजाब पूल से अलॉट करने के आदेश दिए थे। लेकिन चंड़ीगढ़ प्रशासन ने यह आदेश यह कहते हुए रद कर दिए थे कि मकानों की कमी है और याची पहले से ही टाइप-13 के सरकारी मकान में रह रहा है।

न्यायालय ने नहीं मानी दलीलें

हाई कोर्ट ने अपने आदेशों में कहा कि मकानों की कमी है, इसको लेकर कोई डाटा पेश ही नहीं किया गया तो यह दलील स्वीकार नहीं की जा सकती है। दूसरी दलील कि छोटी श्रेणी के मकान में याची रह रहा है, इसलिए उसे अलॉट नहीं किया जा सकता, यह भी कानून की नजर में नहीं टिकती। क्योंकि याची अपने स्तर से नीचे के स्तर के मकान में रह रहा है और ऐसे में उसे हक है कि वह अपने स्तर के मकान में रहे। हाई कोर्ट ने अलॉटमेंट रद करने के आदेश खारिज करते हुए याची को मकान अलॉट करने के आदेश दिए हैं।

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