पंजाब में गोदामों की नाकेबंदी के खिलाफ फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशन लिमिटेड पहुंची हाई कोर्ट

पंजाब में कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों ने शंभू बॉर्डर के पास स्थित फ्यूचर सप्‍लाई चेन सॉल्‍यूशन लिमिटेड के गोदामों की नाकेबंदी कर दी है। कंपनी ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 28 Apr 2021 06:10 PM (IST) Updated:Wed, 28 Apr 2021 06:10 PM (IST)
पंजाब में गोदामों की नाकेबंदी के खिलाफ फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशन लिमिटेड पहुंची हाई कोर्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट की फाइल फोटो।

चंडीगढ, जेएनएन। कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों द्वारा शंभू बॉर्डर के पास फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशन लिमिटेड के गोदामों के बाहर नाकेबंदी करने के खिलाफ कंपनी ने हाई कोर्ट की शरण ली है । कंपनी का कहना है नाकेबंदी के चलते कंपनी के 66 लाख रुपये के पैक किए गए खाद्य तेल, खाद्यान्न और दालें पहले ही खराब हो चुकी हैं और 1.5 करोड़ रुपये की सामग्री और उत्पाद आने वाले कुछ दिनों में जल्द ही खराब होने वाले हैं। कंपनी का कहना है कि आंदोलनकारियों की इस गलत धारणा के तहत कंपनी के बाहर डेरा डाले हुए हैं कि रिलायंस समूह ने फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशन लिमिटेड को खरीद लिया है जबकि रिलायंस और अमेज़ॅन के बीच कानूनी लड़ाई के चलते अभी यह सौदा लंबित है।

कंपनी ने कहा - नाकाबंदी के चलते लगभग चार करोड़ रुपये का माल खराब होने की कगार पर

फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशन लिमिटेड ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में बताया कि पटियाला जिले के राजपुरा क्षेत्र के ग्राम शंभू कलां में स्थित भंडारण केंद्र में आंदोलनकारियों की नाकाबंदी के चलते लगभग 4 करोड़ रुपये का माल खराब होने की कगार पर है। कोर्ट को बताया गया कि 66 लाख रुपये के पैक किए गए खाद्य तेल, खाद्यान्न और दालें पहले ही खराब हो चुकी हैं और 1.5 करोड़ रुपये की सामग्री और उत्पाद आने वाले कुछ दिनों में जल्द ही खराब होने वाले हैं।

कोर्ट को बताया गया कि नाकाबंदी के चलते गोदामों में कर्मचारियों द्वारा दैनिक भंडारण की सुविधा का ध्यान नहीं रखा जा रहा। याचिका में आंदोलनकारियों की नाकाबंदी को तत्काल हटाने और कंपनी को माल की आवाजाही के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने के लिए निर्देश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में कोर्ट को बताया गया कि नाकाबंदी एक गलत धारणा के तहत की गई है कि ये गोदाम रिलायंस कंपनी के हैं। उनके अनुसार रिलायंस समूह ने फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशन लिमिटेड को खरीद लिया है। इसी धारण के तहत वे कंपनी के बाहर बाहर डेरा डाले हुए हैं ।

कंपनी के एक वरिष्ठ प्रबंधक आकाश भरारा द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि उनकी कंपनी केवल उत्पादों के लिए भंडारण सुविधा (पैकेज्ड फूड आर्टिकल, अनाज और दालों) के रूप में कार्य करती है। कंपनी इन उत्पादों को पंजाब राज्य के विभिन्न हिस्सों में बिग बाजार और इजी डे के विभिन्न रिटेल स्टोरों में पहुंचाने का काम करता है। आंदोलनकारियों की रुकावट के कारण न केवल याचिकाकर्ता कंपनी के व्यवसाय को बड़े वित्तीय नुकसान बल्कि पंजाब के आम लोगों को भी बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उनको उचित मूल्य पर खाद्य पदार्थों को खरीदने से वंचित होना पड़ रहा है।

याचिका में यह भी दलील दी गई कि याचिकाकर्ता कंपनी के साथ काम करने वाले 400 से अधिक व्यक्तियों आजीविका पूरी तरह से प्रभावित हुई है और वो पिछले चार माह से बेरोजगार हो गए हैं। कंपनी ने गैरकानूनी ढंग से की गई नाकाबंदी को हटाने का जिला प्रशासन से आग्रह किया था लेकिन प्रशासन पूरी तरह से की निष्क्रिय है। कंपनी की दलील सुनने के बाद जस्टिस महाबीर सिंह संधू ले कंपनी को आदेश दिया कि वह वीरवार तक खाद्य के भंडारण के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी गई लाइसेंस की कॉपी हाई कोर्ट में पेश करे। उसके बाद ही हाई कोर्ट इस मामले में कोई आदेश पारित करेगा।

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