अंबिका सोनी की खुशी के लिए कैप्टन ने दी 'कुर्बानी'

कैप्टन ने रूपनगर में अबकी बार शराब कारोबारी विजय कुमार शर्मा (टिंकू) को जिले की कमान दी गई हैं। टिंकू अंबिका सोनी के करीबी माने जाते हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 20 Oct 2016 03:18 PM (IST) Updated:Thu, 20 Oct 2016 03:28 PM (IST)
अंबिका सोनी की खुशी के लिए कैप्टन ने दी 'कुर्बानी'

चंडीगढ़: [कैलाश नाथ]। मिशन 2017 को सफल बनाने के लिए कांग्रेस के प्रदेश प्रधान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने रूपनगर में 20 साल के इतिहास को बदल दिया है। वहीं, राज्य सभा सदस्य व कंपेन कमेटी की चेयरपर्सन अंबिका सोनी को खुश करने के लिए कैप्टन ने अपने वफादार सुखविंदर सिंह सैणी की भी 'कुर्बानी' ले ली हैं। हालांकि सुखविंदर को प्रदेश कमेटी में महासचिव बनाया गया है।

दो दशकों से सैणी बिरादरी का ही प्रधान बनाया जाता रहा हैं। अबकी बार शराब कारोबारी विजय कुमार शर्मा (टिंकू) को जिले की कमान दी गई हैं। टिंकू नेता प्रतिपक्ष चरणजीत सिंह चन्नी और अंबिका सोनी के करीबी हैं। वहीं, कैप्टन के पूर्व मीडिया सलाहकार भरत इंदर सिंह चाहल से भी उनके संबंध अच्छे हैं। माना जा रहा हैं कि चरणजीत सिंह चन्नी टिंकू को जिला प्रधान बनाने के लिए खासा प्रयास कर रहे थे। टिंकू उनके हलके मोरिंडा निवासी हैं।

वहीं, सूत्र बताते हैं कि टिंकू को जिले की कमान देकर कैप्टन ने अंबिका सोनी को खुश करने की कवायद की हैं। ताकि विधान सभा में टिकट बंटवारे के समय इसके अच्छे परिणाम देखने को मिल सके। वहीं, सुखविंदर की कुर्बानी लेने से कैप्टन के करीबी नाराज दिखाई दे रहे हैं। नाराज नेताओं का कहना हैं कि अगर अपने विश्वास पात्रों की इस तरह बलि ली जाएगी तो मिशन 2017 को खतरा पैदा हो सकता हैं।

दूसरा पहलू यह भी है कि विजय कुमार टिंकू के कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पुराने संबंध रहे हैं। 2003 में जब हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर शिमला में मानहानि का केस किया था तो धूमल पर दबाव बनाने के लिए कैप्टन ने रोपड़ कोर्ट में विजय कुमार टिंकू के बड़े भाई बाल भूषण शर्मा के माध्यम से मानहानि का केस दायर करवाया था।

कैप्टन को जहां केस पर शिमला जाना पड़ता था तो धूमल को रोपड़ आना पड़ता था। बाद में दोनों ही नेताओं के बीच समझौता हो गया और दोनों ने ही केस वापस ले लिया था। अब देखना यह है कि दो दशक तक सैणी बिरादरी की प्रदेश कांग्रेस में रहे वर्चस्व का कांग्रेस पर क्या असर पड़ेगा। लेकिन यह तय है कि रूपनगर में किए गए बदलाव का असर कांग्रेस की प्रदेश राजनीति पर जरूर पड़ेगा। क्योंकि कैप्टन के विरोधी नेता इसे पूरी शिद्दत से भुनाएंगे।

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