चंडीगढ़ में मेला लगाकर पौष्टिक भोजन के प्रति किया गया जागरूक, लोगों को दी गई जरूरी सलाह

फूड सेफ्टी यूनिट ने ईट राइट मेला लगाकर लोगों को सही खाने की जानकारी दी। उन्हें बताया कि कैसा भोजन खाने से शरीर को क्या फायदा या नुकसान होता है। अलग-अलग भोजन पचने में कितना समय लेता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 16 May 2022 01:32 PM (IST) Updated:Mon, 16 May 2022 01:32 PM (IST)
चंडीगढ़ में मेला लगाकर पौष्टिक भोजन के प्रति किया गया जागरूक, लोगों को दी गई जरूरी सलाह
चंडीगढ़ में पौष्टिक भोजन से जुड़ी स्टाल लगी। (जागरण)

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ः जो खाना खाया जा रहा है वह स्वादिष्ट हो सकता है, लेकिन वह सही मायनों में पौष्टिक है भी या नहीं यह भी तो जानना जरूरी है। यह खाना आपके शरीर पर किस तरह का प्रभाव डालता है और उसे नुकसान पहुंचाता है। शरीर के लिए पौष्टिक भोजन में कौन से विकल्प हैं जो उसे बीमारियों से लड़ने के लिए ताकत देते हैं। यह सभी बातें समझाने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट की फूड सेफ्टी यूनिट काम कर रही है। इसी के तहत फूड सेफ्टी यूनिट ने ईट राइट मेला लगाकर लोगों को सही खाने की जानकारी दी। उन्हें बताया कि कैसा भोजन खाने से शरीर को क्या फायदा या नुकसान होता है। अलग-अलग भोजन पचने में कितना समय लेता है। सुरक्षित और पौष्टिक आहार को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की फूड सेफ्टी विंग यूनिट ने रॉक गार्डन से सुखना लेक तक वॉकाथन का आयोजन किया।

ऑर्गेनिक प्रोडक्ट तैयार करने वाले किसान भी हुए शामिल

हेल्थ सेक्रेटरी यशपाल गर्ग ने इसे हरी झंडी दिखा रवाना किया साथ ही खुद इसमें शामिल भी हुए। इसमें विभिन्न स्कूल, फूड इंडस्ट्री, इंस्टीट्यूट, ऑर्गेनिक प्रोडक्ट तैयार करने वाले किसान भी शामिल हुए। सेक्टर-1 लेक क्लब के बाहर ईट राइट मेले का आयोजन भी किया गया। यहां पौष्टिक भोजन से जुड़ी स्टाल लगी। आजादी का अमृत महोत्सव के दौरान सभी डिपार्टमेंट को गतिविधियां कर इसमें शामिल होना जरूरी है। उसी के तहत लोगों को पौष्टिक और सुरक्षित भोजन के प्रति जागरूक करने के लिए यह आयोजन किया गया। इस मौके पर जो इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं उन्हें अवार्ड देकर सम्मानित भी किया गया।

एफएसएसएआई के ज्वाइंट डायरेक्टर डा. महेश वाघमारे भी इस मौके पर उपस्थित रहे। यह इवेंट डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज डा. सुमन सिंह की देखरेख में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सबसे बड़ा योगदान फूड सेफ्टी डेजिग्नेटिड अफसर सुखविंद्र सिंह का रहा। उन्होंने सभी डिपार्टमेंट से टायप कर उनको शामिल कराया।

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