पंजाब में शुरू हुई चुनावी स‍ुगबुहाहट, अमरिंदर सरकार के लिए आई बड़ी परीक्षा की घड़ी

पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार के लिए जल्‍द ही परीक्षा की बड़ी घड़ी आने वाली है। राज्‍य में जल्‍द ही स्‍थानीय निकाय चुनाव होंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 12 Mar 2020 08:42 AM (IST) Updated:Thu, 12 Mar 2020 10:58 AM (IST)
पंजाब में शुरू हुई चुनावी स‍ुगबुहाहट, अमरिंदर सरकार के लिए आई बड़ी परीक्षा की घड़ी
पंजाब में शुरू हुई चुनावी स‍ुगबुहाहट, अमरिंदर सरकार के लिए आई बड़ी परीक्षा की घड़ी

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब में चुनावी मंच फिर तैयार हाे गया है और स्थानीय निकाय चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इस तरह जल्द ही राज्‍य की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार के लिए परीक्षा की बड़ी घड़ी आने वाली है। ये चुनाव शिरोमणि अकाली दल खासकर सुखबीर सिंह बादल के लिए भी बेहद महत्‍वपूर्ण होंगे। इन्‍हें 2022 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल मुकाबला समझा जा रहा है।

पंजाब के सात नगर निगम और 119 नगर परिषदों के कार्यकाल खत्म हो गए हैं। दो नगर निगम का कार्यकाल अगले माह खत्म हो रहा है। इसी तरह एक नगर परिषछ का कार्यकाल अगले मंगलवार को खत्म हो जाएगा। इसी के साथ ही राज्य में एक और चुनाव का मंच तैयार हो गया है। यह चुनाव सरकार के लिए खासा महत्वपूर्ण साबित होगा, क्योंकि यह राज्य के हरेक जिले में होगा।

छह माह के भीतर करवाना होगा स्‍थानीय निकाय चुनाव, 2022 का सेमीफाइल मुकाबला होगा

इस चुनाव के बाद कांग्रेस की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार के कार्यकाल में कोई अन्य चुनाव होने की संभावना नहीं है। चूंकि यह चुनाव राज्य के हरेक जिले में होने है, अत: सरकार के सामने खुद को साबित करना एक बड़ी चुनौती भी होगी। वहीं, माना जा रहा है कि चुनाव को लेकर सरकार के अधिकारों का भी प्रयोग कर सकती है और चुनाव कुछ समय के लिए टाल सकती है। निगम व नगर परिषदों का कार्यकाल पूरा होने के बाद सरकार प्रशासक नियुक्‍त कर चुनाव को छह माह तक टाल सकती है।

उच्चस्तरीय सूत्र बताते हैं कि सरकार अभी स्‍थानीय निकाय चुनाव करवाने के मूड में नहीं है। सरकार की रणनीति है कि इनमें प्रशासक नियुक्‍त कर जितना समय निकाला जा सकता है, उतना निकाल लिया जाए। क्योंकि, बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों का जो गुस्सा उभर कर सामने आया है और इसे शांत करने के लिए भी सरकार को समय की दरकार है।

बजट को लेकर की बैठकों के दौरान भी इनफ्रास्ट्रक्टर को लेकर विधायकों ने काफी शिकायतें की थीं। यही कारण है कि कैप्‍टन सरकार चुनाव में जाने से पहले सारे कील-कांटे कस लेना चाहती है। अप्रैल माह से नया बजट प्रभावी हो जाएगा, इसके बाद सरकार ने इनफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का फैसला लिया है। चुनाव ऐसे समय में होगा जब कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में करीब डेढ़ साल का समय रह जाएगा। इसलिए अमरिंदर सरकार चाहती है कि  शहरों में विकास कार्यों को मजबूत करके ही चुनाव मैदान में उतरा जाए।

इन नगर निगमों में होना है चुनाव

नगर निगम              कार्यकाल पूरा होने की तिथि

बठिंडा :                       8-3-2020

मोगा :                        8-3-2020

होशियारपुर :               10-3-2020

फगवाड़ा :                   10-3-2020

पठानकोट :                 13-3-2020

एसएएस नगर :           26-3-2020

अबोहर :                     26-4-2020

बटाला :                     8-3-2020

कपूरथला :                10-3-2020

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