ऑनलाइन एजुकेशन से बढ़ी टैब की मांग, मार्केट से हुए आउट ऑफ स्टॉक

शहर में लॉकडाउन 4.0 के शुरु होते ही मोबाइल मार्केट में रौनक देखने को मिली। सेक्टर -22 स्थित मोबाइल मार्केट में पार्किंग पहले दिन से ही फुल रही।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 05:02 PM (IST) Updated:Tue, 26 May 2020 05:02 PM (IST)
ऑनलाइन एजुकेशन से बढ़ी टैब की मांग, मार्केट से हुए आउट ऑफ स्टॉक
ऑनलाइन एजुकेशन से बढ़ी टैब की मांग, मार्केट से हुए आउट ऑफ स्टॉक

चंडीगढ़ [शंकर सिंह]। कोरोना वायरस की वजह से ऑनलाइन वर्क और एजुकेशन की वजह से बड़ा बदलाव देखने को मिला है। शहर में लॉकडाउन 4.0 के शुरु होते ही मोबाइल मार्केट में रौनक देखने को मिली। सेक्टर -22 स्थित मोबाइल मार्केट में पार्किंग पहले दिन से ही फुल रही। यहां मार्केट दो वर्गों में विभाजित है। एक मोबाइल और स्पेयर तो दूसरी चाइनीज पार्ट से जुड़ी मार्केट, जहां स्पेयर और अन्य प्रोडक्ट्स मिलते हैँ। दोनों ही मार्केट में खूब रश है। इसमें सबसे बड़ी बात है कि मार्केट से टैब पूरी तरह आउट ऑफ स्टॉक हो चुके हैं। ग्राहकों की पहली पसंद इस समय टैब ही हैं, क्योंकि ऑनलाइन एजुकेशन और मीटिंग में टैब बड़ी स्क्रिन के साथ ज्यादा असरकारक होता है।

पहले गिनती के बिकते थे टैब अब पहली पसंद 

चावला ब्रदर्स -22 के मालिक सुमिर चावला ने कहा कि लॉकडाउन के बाद दुकानें खुली तो काफी राहत मिली। हालांकि अभी व्यापार 25 फीसद ही हो रहा है, लेकिन इस सीजन में व्यापार इतना ही होता है। लेकिन, दुकाने खुलने से काफी राहत है। मार्च और अप्रैल महीना बिजनेस के लिहाज से वैसे भी ज्यादा आकर्षक नहीं होता है, लेकिन मई, जून काफी महत्तवपूर्ण होता है। इन दिनों हमें उम्मीद है कि चार महीने में मार्च और अप्रेल के नुकसान से उबर जाएंगे। इन दिनों ग्राहकों की पहली पसंद टैब है, ज्यादातर माता पिता अपने बच्चों के लिए टैब लेना चाहते हैं, जिससे उनकी आखों में असर न पड़े। हालांकि टैब पहले बहुत कम बिकते थे, अब आउट ऑफ स्टॉक हैं।

टैब की प्रोडक्शन बंद होने से हुए आउट ऑफ स्टॉक 

3वी मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड सेक्टर-22 के डायरेक्टर डायरेक्टर विक्रम निझावन ने कहा कि लॉकडाउन खुलते ही लोगों ने स्पेयर पार्ट की डिमांड की है। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान लोग ज्यादातर मोबाइल से ही जुड़े रहे। जिस वजह से फोन या गैजेट्स के स्पेयर पार्ट्स में हुए नुकसान की रिपेयरिंग कराने लोग आ रहे हैं। इसके अलावा मोबाइल से ज्यादा इस समय लोगों को टैब ज्यादा पसंद आए। हालांकि अब टैब उपलब्ध नहीं है। ऑनलाइन मीटिंग या क्लासेस के लिए टैब बेस्ट ऑप्शन है। हालांकि अभी बिजनेस 25 फीसद हो रहा है, जो बेहतर है। मगर एकदम मार्केट खुलने से हमें कई ग्राहक मिले, आने वाले दिनों में समस्या ये है कि कहीं ग्राहक कम न हो। उम्मीद है कि चार महीने तक हम लॉकडाउन में हुए नुकसान से उबर जाएंगे।

 

विक्रम निझावन।

चेन्नई में बंद है सैमसंग की फैक्ट्री, जहां बनते हैं टैब 

विक्रम ने कहा कि दरअसल, टैब की पीछ से ही स्पलाई नहीं है। सैमसंग के टैब की पहली ही प्रोडक्शन कम थी, लॉकडाउन के बाद फैक्ट्रियां बंद है। चेन्नई में फैक्ट्री इन दिनों बंद है, ऐसे में टैब का निर्माण नहीं हो रहा। आने वाले समय में इसका निर्माण होगा तो यकीनन इसके खरीददार और बढ़ेंगे।

 

सुमिर चावला।

मोबाइल मार्केट सेक्टर-22 में रोजाना 1.25 करोड़ की होती है सेल 

सुमिर ने कहा चंडीगढ़ में सेक्टर-22 की मोबाइल मार्केट सबसे बड़ी है, यहां रोजाना करीबन 1.25 करोड़ रुपए की सेल्स होती है। यहां केवल मोबाइल फोन ही नहीं बल्कि स्पेयर पार्टस की भी बड़ी दुकानें हैं, जो पंजाब, हिमाचल और हरियाणा में भी सप्लाई करती हैं।

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