राहत: चंडीगढ़ Delta Plus Variants से सुरक्षित, जांच के लिए भेजे सैंपलों में मिला सिर्फ डेल्टा वेरिएंट

हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन से 18 अगस्त के बीच नेशनल सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल (एनसीडीसी) लैब को कुछ सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। भेजे गए 27 कोविड सैंपल में से 25 सैंपल में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 12:42 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 12:42 PM (IST)
राहत: चंडीगढ़ Delta Plus Variants से सुरक्षित, जांच के लिए भेजे सैंपलों में मिला सिर्फ डेल्टा वेरिएंट
शहर में लोग डेल्टा प्लस वेरिएंट से अभी तक सुरक्षित हैं।

विशाल पाठक, चंडीगढ़। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब थम गई है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। वहीं, राहत की बात यह है कि चंडीगढ़ डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variants) से अब तक सुरक्षित है। शहर में अब तक डेल्टा वेरिएंट का ही मामले मिले हैं। ज्यादातर मामलों में डेल्टा वैरिएंट के अलावा अल्फा व बाकी वैरिएंट की पुष्टि हुई है।

हाल ही में स्वास्थ्य विभाग की ओर से तीन से 18 अगस्त के बीच नेशनल सेंटर फॉर डिजिज कंट्रोल (एनसीडीसी) लैब को कुछ सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। भेजे गए 27 कोविड सैंपल में से 25 सैंपल में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई है। लैब में हुई जीनोम सिक्वेंसिंग यानी संक्रमण किस प्रकार का है,  उसकी जांच के बाद डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य निदेशक डॉ. अमनदीप कौर कंग ने बताया कि शहर के लिए यह अच्छी खबर है। कि शहर में लोगों के डेल्टा प्लस वैरिएंट नहीं बढ़ रहा है। डेल्टा प्लस वैरिएंट बेहद ही खतरनाक है।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर में डेल्टा वेरिएंट (बी.1.617.2) के चपेट में सबसे ज्यादा लोग आए। 61 फीसद कोरोना संक्रमित मरीजों में डेल्टा वेरिएंट की पुष्टि हुई थी। डेल्टा वैरिएंट के अलावा 30 फीसद संक्रमित मरीजों में अल्फा वेरिएंट (बी.1.1.7) की पुष्टि हुई है।

एनसीडीसी को भेजे सैंपल में 92 फीसद शहर के थे  

नेशनल सेंटर फॉर डीजिज कंट्रोल (एनसीडीसी) को कोरोना की दूसरी लहर में भेजे गए सैंपल में 92 फीसद चंडीगढ़ के लोगों के थे। 5 से 24 मई, 2021 के बीच लिए गए 25 कोविड सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इन सैंपल में से अधिकतर में डेल्टा वेरिएंट (बी.1.617.2) की पुष्टि हुई थी।

पीजीआइ में 80 फीसद मरीजों की अल्फा वेरिएंट से मौत

एकेडेमिक्स डीन और नेहरू अस्पताल विस्तार खंड में बनाए गए कोविड वार्ड के इंचार्ज प्रो. जीडी पुरी ने बताया कि पीजीआइ से जो सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, उनमें अधिकतर डेल्टा वेरिएंट शामिल थे। इसके बावजूद चौंकाने वाले तथ्य ये है कि पीजीआइ में अब तक कोरोना संक्रमण से जिन लोगों की मौत हुई, उनमें 80 फीसद में अल्फा वेरिएंट की पुष्टि हुई है।

chat bot
आपका साथी