अंतरराष्ट्रीय सिनेमा से जोड़ा स्टूडेंट्स को

बच्चों के लिए सिनेमा बहुत कम बनता है। भारत में इसकी संख्या और कम है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Nov 2019 08:53 PM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 08:53 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय सिनेमा से जोड़ा स्टूडेंट्स को
अंतरराष्ट्रीय सिनेमा से जोड़ा स्टूडेंट्स को

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बच्चों के लिए सिनेमा बहुत कम बनता है। भारत में इसकी संख्या और कम है। ये एक ऐसा मीडियम है जिसकी जिम्मेदारी बहुत है। क्योंकि बच्चे बहुत कुछ इस उम्र में सीखते हैं। ऐसे में उन्हें बेहतर सिनेमा दिखाना बहुत जरूरी है। ये उनके विकास के लिए भी जरूरी है। फिल्म डायरेक्टर सैयद सुल्तान कुछ इन्हीं शब्दों में बच्चों के लिए सिनेमा के महत्व पर बात करते हैं। फ‌र्स्ट स्टेप मोंटेसरी स्कूल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के लिए वह पहुंचे। जहां बच्चों को अंतरराष्ट्रीय सिनेमा से पहली बार अवगत करवाया गया। इस दौरान बच्चों को विभिन्न देशों की फिल्म दिखाई गई। सुल्तान ने कहा कि इन दिनों निम्न स्तर के सिनेमा की वजह से बच्चों के लिए कुछ भी ऐसा नहीं बनाया जा रहा जिससे वो कुछ सीख सकें। ऐसे में उन्हें वीडियो गेम्स और कार्टून के अलावा हमें सिनेमा से जोड़ना होगा। सिनेमा में हम उन्हें आम इंसान और बाल कलाकारों से जोड़ सकते हैं। जो उन्हें कई चीजों के बारे में बताते हैं जिसे शायद ही कोई माता पिता भी सिखा सके। फेस्टिवल की आर्टिस्टिक डायरेक्टर नेहा जैन ने कहा कि फेस्टिवल सिर्फ तीन साल पुराना है। जो देश के विभिन्न स्कूलों में पहुंचा है। इस बार ये ट्राईसिटी में पहुंचा है। इसके लिए हमने एक स्पेशल ज्यूरी भी बनाई है जिसमें 30 फिल्मों से जुड़े बाल कलाकार हैं। जो फिल्मों को चुनते हैं। इसमें हमने देशभर की 100 बेहतरीन फिल्मों को शॉर्टलिस्ट किया है। फेस्टिवल में इटली की फिल्म बेकोलोरेड दिखाई गई जिसमें दुनिया में अंधेरा छाने पर ज्ञान का प्रकाश, अफ्रीकन फिल्म बेली फ्लॉप और फ्रांस की फिल्म सिक्रनाइज्ड ट्रम्पोलिन जैसी फिल्में दिखाई।

chat bot
आपका साथी