नए लोकपाल एक्ट के दायरे में सीएम और मंत्री भी, इनके खिलाफ भी चलेगा केस

पंजाब के नए लोकपाल एक्‍ट के दायरे मेें मुख्‍यमंत्री और राज्‍य के मंत्री भी होंगे। किसी मामले में इन पर भी केस चलाया जा सकेगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 26 Apr 2018 09:16 AM (IST) Updated:Thu, 26 Apr 2018 09:07 PM (IST)
नए लोकपाल एक्ट के दायरे में सीएम और मंत्री भी, इनके खिलाफ भी चलेगा केस
नए लोकपाल एक्ट के दायरे में सीएम और मंत्री भी, इनके खिलाफ भी चलेगा केस

चंडीगढ़, [इंद्रप्रीत सिंह]। सरकारी तंत्र में फैले भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने पुराने लोकपाल एक्ट को निरस्त करके  उसकी जगह सशक्त लोकपाल एक्ट लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस कानून की खासियत यह होगी कि इसमें मुख्यमंत्री और मंत्रियों को भी शामिल किया जाएगा। उन पर भी भ्रष्टाचार के मामलों में केस चलाए जा सकेंगे। इससे पहले केवल अधिकारियों व कर्मचारियों को ही इसके अधीन लिया गया था। केवल सरकार का दावा है कि नया लोकपाल पहले की अपेक्षा ज्यादा सशक्त होगा।

विजिलेंस ने फाइल मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजी, पहले से सशक्‍त होगा नया कानून

वैसे अभी यह साफ नहीं है कि लोकपाल के पास जांच के लिए क्या-क्या शक्तियां होंगी। यानी क्या उन्हें जरूरत के मुताबिक स्टाफ मुहैया करवाया जाएगा? जांच विंग को पुलिस से हटाकर लोकपाल के अधीन किया जाएगा? या फिर जांच के लिए लोकपाल पूरी तरह से राज्य पुलिस पर ही निर्भर करेगा।

सितंबर में बिल पास होने की उम्मीद

विजिलेंस विभाग ने इस संबंध में कई बैठकें कर फाइल मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को भेज दी है। कैप्टन की मंजूरी के बाद इस पर कैबिनेट की स्वीकृति ली जाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय का कहना है कि अभी उन्हें फाइल नहीं मिली है, लेकिन सरकार इसमें बदलाव करने जा रही है। सूत्रों का कहना है कि नया लोकपाल अध‍िनियम केंद्रीय लोकपाल की ही तरह है। इस बात की पूरी संभावना है कि सितंबर में होने वाले पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान इसे पास करवा लिया जाए।

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लोकपाल ने दिया इस्तीफा, सरकार ने किया मंजूर

पंजाब के लोकपाल जस्टिस रिटायर्ड एसके मित्तल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर कर नए लोकपाल की तलाश शुरू कर दी है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि नया लोकपाल क्या नए एक्ट के अधीन तैनात किया जाएगा या जब तक नया एक्ट लागू नहीं होता, उनकी नियुक्ति पुराने एक्ट के अधीन ही की जाएगी।

कांग्रेस ने मेनिफेस्टो में किया था वादा

कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले जारी किए घोषणा पत्र में वादा किया था कि भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों समेत सभी तरह की अफसरशाही के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई शुरू करने के लिए नया लोकपाल लाया जाएगा। यह भी वादा किया गया था कि 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के ठेके एथिक्स, ट्रांसपेरेंसी कमीशन से जांच करवाकर जारी किए जाएंगे, लेकिन इस पर अभी कोई काम शुरू नहीं हुआ है।

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