चंडीगढ़ में PUTA को मिला पंजाबी यूनिवर्सिटी और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी का समर्थन

पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स यूनियन पुटा को पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर टीचर्स यूनियन का समर्थन मिला है। पुटा 27 दिनों से विभिन्न मांगों को लेकर वाइस चांसलर आवास के बाहर धरना दे रही है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 16 Dec 2020 03:58 PM (IST) Updated:Wed, 16 Dec 2020 03:58 PM (IST)
चंडीगढ़ में PUTA को मिला पंजाबी यूनिवर्सिटी और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी का समर्थन
चंडीगढ़ में प्रदर्शन करते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के सदस्य।

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। विभिन्न मुद्दों पर विरोध कर रही पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स यूनियन (PUTA-पुटा) को पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर टीचर्स यूनियन का समर्थन मिल  है। पुटा 27 दिनों से विभिन्न मांगों को लेकर वाइस चांसलर आवास के बाहर धरना दे रही है।

धरने के 26वें दिन पंजाबी यूनिवर्सिटी और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की टीचिंग फैकल्टी ने पीयू पहुंचकर वाइस चांसलर प्रो. राज कुमार के विरोध में नारेबाजी की। इस मौके पर बोलते हुए पंजाबी यूनिवर्सिटी के डॉ. अवनीत पॉल ने कहा कि वाइस चांसलर टीचर्स को जानबूझ कर छोटी-छोटी बातों में उलझा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के सामने कई बड़े-बड़े मुद्दे हैं जिसमें सबसे अहम है फाइनांस का है, जिससे पंजाब यूनिवर्सिटी जूझ रही है। इन पर कोई टीचर बात न कर सके, इसीलिए वाइस चांसलर प्रमोशन जैसे मुद्दों को ही लटका कर बैठे हैं।

उन्होंने कहा कि इस समय सबसे ज्यादा बुरी हालत पंजाब यूनिवर्सिटी की है। 70 से ज्यादा टीचर्स की प्रमोशन फंसी हुई है। इसके साथ ही सातवें पे स्केल पर कोई बात नहीं हो रही है, जिसका खामियाजा टीचर्स भुगत रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर को बाहर आकर विभिन्न सवालों के जबाव देते हुए उन्हें हल करना होगा।

सातवें पे स्केल का उठाया मुद्दा

पंजाब यूनिवर्सिटी पहुंचने से पहले पंजाबी यूनिवर्सिटी और गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी टीचिंग डेलीगेट्स ने पंजाब के शिक्षा सचिव राहुल भंडारी से मुलाकात की और सातवें पे स्केल का मुद्दा उठाया। डॉ. जगवंत सिंह ने बताया कि उच्चतर शिक्षा सचिव ने मांगों को सुनकर उनके समाधान का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि सातवां पे स्केल नहीं मिलने के कारण सेवानिवृत्त हो रहे टीचर्स पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। उन्हाेंने कहा कि आज के समय में काम करने के बाद भी यदि पंजाब सरकार सातवां पे स्केल नहीं दे पाती तो यह सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है क्योंकि केंद्र सरकार इस स्केल को बहुत पहले पास कर चुकी है।

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