छह महीने से मकान में बंद था यह बुजुर्ग, रात में पड़ोसियों को आती थी रोने की आवाज

एएल कत्याल नाम के इस बुजुर्ग ने कमरा अंदर से लॉक किया हुआ था। घर पर नेम प्लेट के अनुसार वह किसी विभाग के से रिटायर्ड आर्थिक सलाहकार हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Wed, 24 Apr 2019 01:32 PM (IST) Updated:Thu, 25 Apr 2019 01:44 PM (IST)
छह महीने से मकान में बंद था यह बुजुर्ग, रात में पड़ोसियों को आती थी रोने की आवाज
छह महीने से मकान में बंद था यह बुजुर्ग, रात में पड़ोसियों को आती थी रोने की आवाज

चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी ने बुधवार को मनी माजरा से एक 85 वर्षीय बुजुर्ग एएल कत्याल को रेस्क्यू किया। यह बुजुर्ग बीते 6 महीने से मकान में बंद था। उनके घर पर लगी नेम प्लेट पर लिखा है कि वह किसी विभाग के आर्थिक सलाहकार पद से रिटायर्ड हैं।

एएल कत्याल के पड़ोसियों ने कंप्लेंट की थी कि रात में घर के अंदर से रोने की आवाज आती है लेकिन मकान के बाहर दिन भर कोई नहीं दिखाई देता। इसके बाद मौके पर संस्था के अधिकारी पहुंचे और पुलिस की सहायता से दरवाजा खोला गया। वहां पाया गया कि वह बुजुर्ग मकान में रह रहा था और उन्होंने कमरा अंदर से लॉक किया हुआ था। यह भी पता चला है कि बुजुर्ग के एक बेटा था जिसने अपनी बीवी के साथ मारपीट की थी और उसे उन्होंने घर से निकाल दिया था।


बुजुर्ग के घर के बाहर लगी नेम प्लेट के अनुसार वह किसी विभाग के रिटायर्ड आर्थिक सलाहकार हैं।

अल्जाइमर से पीड़ित, कुछ भी ठीक से याद नहीं

बुजुर्ग अल्जाइमर के मरीज हैं। इस कारण उन्हें कोई भी बात ठीक से याद नहीं। हालांकि उन्होंने इतना बताया है कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह उनसे 1 साल सीनियर थे। उन्होंने भारत सरकार के साथ भी काम किया है उन्हें यह भी याद नहीं कि दिन में क्या खाया है।

मौके से इतना जरूर पता चला है कि उनका एक बेटा अमेरिका में रहता है। वह तीन साल पहले मां की मौत पर भारत आया था। उसके बाद बुजुर्ग को उसका कोई अता-पता नहीं है। वह अल्जाइमर की समस्या के कारण उन्हें कुछ भी याद नहीं रहता है। दूसरी ओर उन्हें बचाने वाले सालसा के लीगल एडवाइजर राजेश्वर सिंह ने बताया कि बुजुर्ग की बहू के उन्हें कुछ भी याद नहीं रहता। कई बार वह रुपये रखकर भूल जाते हैं।

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