केंद्र ने अदालत में कहा, स्कूल की बैलेंस शीट के बारे में जानना अभिभावकों का अधिकार

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने कहा कि जब निजी स्कूल फीस पर ही चलते हैं तो अभिभावाकों को भी यह अधिकार है कि वह स्कूल की बैलेंस शीट देख सकें।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 18 Jun 2020 09:17 AM (IST) Updated:Thu, 18 Jun 2020 09:17 AM (IST)
केंद्र ने अदालत में कहा, स्कूल की बैलेंस शीट के बारे में जानना अभिभावकों का अधिकार
केंद्र ने अदालत में कहा, स्कूल की बैलेंस शीट के बारे में जानना अभिभावकों का अधिकार

चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। यूटी प्रशासन द्वारा निजी स्कूलों से अपने बैलेंस शीट वेबसाइट पर अपलोड किए जाने के आदेश के मामले में केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखा है। केंद्र ने प्रशासन के आदेश को सही ठहराया है। कहा है कि स्कूल की बैलेंस शीट के बारे में जानना अभिभावाकों का अधिकार है।


मामले में निजी स्कूलों की संस्था इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर यूटी प्रशासन के आदेश को चुनौती दी थी। इस पर केंद्र सरकार ने भी चंडीगढ़ प्रशासन का बचाव किया है। कहा है कि केंद्र के पास यह अधिकार है कि वह किसी भी एक्ट में संशोधन और बदलाव के साथ उसे लागू कर सके। ऐसे में निजी स्कूलों की यह दलील कि पंजाब के एक्ट में बदलाव कर इसे चंडीगढ़ में लागू कर दिया गया, पूरी तरह से गलत है।

केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया सत्यपाल जैन ने कहा कि जब निजी स्कूल छात्रों के अभिभावकों से ली गई फीस पर ही चलते हैं, तो अभिभावाकों को भी यह अधिकार है कि वह स्कूल की बैलेंस शीट देख सकें। जैन ने कहा कि अब निजी स्कूल के इंडस्ट्री की तरह की बनते जा रहे हैं। ऐसे में इन पर लगाम लगाना जरूरी है। जहां तक केंद्र के एक्ट में संशोधन और बदलाव की बात है... केंद्र के पास इसका अधिकार है।

वहीं बुधवार को याचिकाकर्ता संस्था की ओर से सीनियर एडवोकेट पुनीत बाली ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि पंजाब के 2016 के एक्ट को ही केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ में2018 में लागू किया है। मूल एक्ट में कहीं भी बैलेंस शीट वेबसाइट पर अपलोड किए जाने का प्रावधान नहीं है, लेकिन शहर में इस एक्ट में बदलाव कर यह प्रावधान बना दिया गया, जो पूरी तरह से गलत है। ऐसे में स्कूलों को बैलेंस शीट अपनी वेबसाइट पर अपलोड किए जाने के आदेशों पर रोक लगाई जाए।

सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित

जस्टिस जसवंत सीवम जस्टिस संत प्रकाश की खंडपीठ ने सभी दलीलों को सुनने के बाद निजी स्कूलों को फिंलहाल कोई राहत नहीं दी है और कहा है कि वह अब इस पूरे मामले का निपटारा करेंगे कि चंडीगढ़ प्रशासन के यह आदेश सही हैं या नहीं। इसी के साथ कोर्ट ने सुनवाई सोमवार तक स्थगित कर दी है। चंडीगढ़ प्रशासन गत दिवस ही मामले में अपना जवाब दायर कर कह चुका है।

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