कैंबवाला निवासी बोले प्रशासन ने हाई कोर्ट को दी गलत जानकारी

सुखना कैचमेंट एरिया में किए गए निर्माण को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने तोड़ने के लिए आदेश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Mar 2020 09:32 PM (IST) Updated:Wed, 18 Mar 2020 06:07 AM (IST)
कैंबवाला निवासी बोले प्रशासन ने हाई कोर्ट को दी गलत जानकारी
कैंबवाला निवासी बोले प्रशासन ने हाई कोर्ट को दी गलत जानकारी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सुखना कैचमेंट एरिया में किए गए निर्माण को पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने तोड़ने के आदेश दिए हैं। यह आदेश सर्वे ऑफ इंडिया के 2004 में जारी मैप को देखते हुए जारी किए गए थे। जिससे गांव कैंबवाला का बड़ा हिस्सा इसमें आ रहा है। मंगलवार को गांव कैंबवाला के बस स्टैंड पर जुटे स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। हरमीत सिंह ने बताया कि प्रशासन ने कोर्ट को सही जानकारी नहीं दी। 2004 का मैप पुराने लैंड रिकॉर्ड के आधार पर है। इस मैप में 1970-72 का वह नाला भी दिखाया गया है, जबकि 2004 में ऐसा कोई नाला नहीं था। यह नक्शा पहले अंदर जंगल एरिया में था, लेकिन बाद में इसे बाहर कर दिया गया। साथ ही कैचमेंट को भी इसी दौरान खत्म कर दिया गया था। कैंबवाला के रेजिडेंट्स ने कहा कि यह लेक मैन मेड है। यह नेचुरल नहीं है इसे बनाया गया है। पहले पीपल के पेड़ के पास तालाब होता था, लेकिन सेक्रेटेरिएट, हाई कोर्ट और विधानसभा बिल्डिग बनाते समय तालाब में खूब माइनिग हुई। जिसके बाद इसे लेक में बदलने का फैसला लिया गया। रेजिडेंट्स ने मांग करते हुए कहा कि प्रशासन को सर्वे कर नया मैप तैयार करना चाहिए। पूरे एरिया की डिमार्केशन होनी चाहिए। यह सर्वे 2004 के मैप को देखते हुए नहीं होनी चाहिए। प्रशासन ने सर्वे किया शुरू

वहीं मंगलवार से एस्टेट ऑफिस और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की ज्वाइंट टीम ने सुखना कैचमेंट एरिया का ग्राउंड सर्वे शुरू कर दिया। ग्राउंड लेवल पर सर्वे के बाद दोबारा मैप तैयार किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य यह देखना है कि कैचमेंट एरिया में कितने निर्माण हुए हैं। कौन सा एरिया इसमें आ रहा है। यह सर्वे चंडीगढ़ एरिया में ही होगा।

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