चंडीगढ़ के आसपास 15 गांवों में जमीन खरीद-फरोख्त पर राेक, पीएलपीए लागू
पंजाब सरकार ने पंजाब लैंड प्रिसर्वेशन एक्ट (पीएलपीए) को लागू कर दिया है। इससे अब चंडीगढ़ के आसपास के 15 गांवों में जमीन खरीदी या बेची नहीं जा सकेगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में चंडीगढ़ के आसपास के 15 गांवों में अब जमीन खरीदी या बेची नहीं जा सकेगी। पंजाब लैंड प्रिसर्वेशन एक्ट (पीएलपीए) को लेकर चल रही उठापटक खत्म हो गई है और इसका नोटिफिकेशन हो गया है। इसके साथ चंडीगढ़ के आसपास 15 गावों में पीएलपीए लागू हो दी गई है। पीएलपीए लागू होने के बाउ इन गांवों में जमीन पर पर्यावरण व भौगोलिक स्थिति को नुकसान पहुंचाने वाला कोई कार्य हो सकता है। इन गांवों में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की करीब छह एकड़ जमीन भी है।
वन मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने स्पष्ट किया है कि 2011 में जारी आदेशों को जारी रखा गया है। अब इन इलाकों की संरक्षित जमीन पर अगले 10 साल तक नई नोटिफिकेशन के अनुसार एक्ट लागू रहेगा। सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए एसएएस नगर (मोहाली) के सीमावर्ती क्षेत्र के 15 गांवों का वैज्ञानिक अध्ययन करने के बाद धारा 4 के अधीन ताजा अधिसूचना जारी की है।
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यह है विवाद
नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने आरोप लगाया था कि पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने 400 एकड़ से ज्यादा, जबकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने छह एकड़ से ज्यादा जमीन संरक्षित एरिया में खरीदी है। खैहरा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मांग की थी कि 2 फरवरी को पीएलपीए की नोटिफिकेशन की अवधि समाप्त हो रही है। इसके बाद इस जमीन को ऊंची कीमत पर बेच कर उसका कमर्शियल इस्तेमाल किया जाएगा। इसलिए नोटिफिकेशन जारी की जाए।
हाईकोर्ट के आदेश पर अधिसूचना
बीते दिनों भाजपा के प्रदेश सचिव विनीत जोशी की अगुवाई में 15 गावों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर मांग की थी कि उनके गावों में राहत दी जाए। शुक्रवार को प्रतिनिधिमंडल की ओर से लगाई गई याचिका पर जस्टिस महेश ग्रोवर व जस्टिस राजबीर शरावत की डबल बेंच ने पंजाब सरकार को आदेश दिया कि नई नोटिफिकेशन जारी कर पीएलपीए 1900 की धारा के अनुसार प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित किया जाए।
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