एचसीएस पेपर लीक मामले में तीन और आरोपितों को मिली अंतरिम जमानत

एचसीएस पेपर लीक मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के चलते अब सभी आरोपित हिरासत से बाहर आ गए हैं।

By Sat PaulEdited By: Publish:Sat, 19 Jan 2019 11:08 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jan 2019 11:08 AM (IST)
एचसीएस पेपर लीक मामले में तीन और आरोपितों को मिली अंतरिम जमानत
एचसीएस पेपर लीक मामले में तीन और आरोपितों को मिली अंतरिम जमानत

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सिविल सर्विस (ज्यूडिशियल) परीक्षा लीक मामले में तीन और आरोपितों को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के चलते अब सभी आरोपित हिरासत से बाहर आ गए हैं। पेपर लीक का मामला सामने आने के बाद 2017 में आयोजित की गई एचसीएस ज्यूडिशियल परीक्षा को रद किए जाने के एक साल से अधिक समय के बाद पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में सुभाष गोदारा, सुशील भादू और तेजिन्दर बिश्नोई की जमानत याचिकाएं मंजूर कर ली हैं। मामले में चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस राजन गुप्ता, जस्टिस जीएस संधावालिया, जस्टिस अरुण पल्ली और जस्टिस दीपक सिब्बल की पूर्ण पीठ के सामने हुई सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर आरएस राय और गौतम दत्त ने अदालत को बताया कि विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने एचसीएस पेपर लीक से जुड़े 18 तथ्यों की फोरेंसिक जांच की मांग की थी, जिसमें से अब तक एसआइटी को 16 मामलों में फोरेंसिक रिपोर्ट मिल गई है। अभी दो अन्य फोरेंसिक रिपोट्र्स आनी बाकी है। इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल फोन और लैपटॉप्स समेत आवाज के सैंपलों समेत कई अन्य चीजों की फोरेंसिक जांच करवाई है।

फॉरेंसिक जांच में देरी पर उठाए सवाल

फॉरेंसिक जांच में हो रही देरी पर सवाल उठाते हुए हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस को 15 जनवरी तक जांच पूरी करके अंतिम रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि एचसीएस पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी हाईकोर्ट के ही पूर्व रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) बलविंदर शर्मा, सुनीता, सुशीला और सुनील चोपड़ा उर्फ टीटू, कुलदीप और आयुषी को हाईकोर्ट से पहले ही अंतरिम जमानत मिल चुकी है।

यह है मामला

गौरतलब है कि हरियाणा में अधीनस्थ न्यायपालिका में 109 पदों को भरने के लिए साल 2017 में हरियाणा लोक सेवा आयोग के माध्यम से पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की समिति ने आवेदन आमंत्रित किए थे। एक परीक्षार्थी सुमन ने परीक्षा के बाद आरोप लगाया था कि दो अन्य परीक्षार्थियों सुशीला और सुनीता ने उनके पास परीक्षा पत्र होने का दावा किया था। परीक्षा से एक दिन पहले उसे दो प्रश्न बता दिए गए थे और बाकी के प्रश्न बताने के लिए एक करोड़ रुपये की मांग की गई थी।

दोनों वर्गों में टॉपर महिलाओं की हुई थी गिरफ्तारी

शिकायतकर्ता द्वारा बताई गई दोनों आरोपितों ने सामान्य और आरक्षित वर्ग में इस परीक्षा में टॉप किया था। बाद में इस मामले की जांच किए जाने पर पेपर लीक करने के लिए हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) डॉ. बलविंदर शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद इस परीक्षा में टॉप करने वाली दोनों महिलाओं को भी चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

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