CoronaVirus: पंजाब के मालवा क्षेत्र में कोरोना संक्रमण और मृत्यु दर में चिंताजनक उछाल
CoronaVirus पंजाब में कोरोना वायरस लगातार कहर बरपा रहा है। राज्य के मालवा क्षेत्र में कोरोना वायरस का संक्रमण और कोरोना मरीजों की मृत्यु दर में चिंताजनक उछाल ने पंजाब सरकार के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। क्षेत्रफल और आबादी के हिसाब से राज्य का सबसे बड़ा इलाका मालवा कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित है। कोरोना की सबसे ज्यादा पाजिटिविटी दर मालवा में पाई जा रही है। वहीं, मृत्यु दर भी पंजाब में सबसे ज्यादा है। पंजाब में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों में करीब 70 फीसद मालवा क्षेत्र के है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा बनाए गए कोविड सलाहकार कमेटी के चेयरमैन डा. केके तलवाड़ भी मालवा में बढ़ते कोरोना संक्रमण के केस और मृत्यु दर से चिंतित हैं। वह कहते हैं, कोरोना के दूसरे लहर में मालवा सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। राज्य में रोजाना 8000 से ज्यादा केस आने शुरू हो गए है। इसमें से मलावा में 67 फीसदी से ज्यादा केस सामने आ रहे हैं।
65 से 67 फीसदी केस आ रहे है मालवा में, राज्य में मरने वालों में भी करीब 70 फीसद इसी क्षेत्र से
माना जा रहा है कोरोना के दूसरे लहर को बढ़ावा देने में किसानों के धरने ने भी अहम भूमिका निभाई, क्योंकि वोट बैंक का मामला होने के कारण किसी भी राजनीतिक पार्टी ने किसानों को धरना खत्म करने व वैक्सीनेशन करवाने के लिए उत्साहित नहीं किया। वहीं, कांग्रेस सरकार पर भी इस बात का पूरा दबाव रहा। इसके कारण दूसरे लहर में मालवा क्षेत्र में कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा विस्तार हुआ।
सबसे ज्यादा संक्रमित जिला बना लुधियाना, बरनाला सबसे कम
आंकड़े बताते हैं कि राज्य में कोरोना पाजिटिव के आने वाले केसों में 67 फीसदी मालवा से आ रहे है। दोआबा से 17 और माझा में यह दर 15 फीसदी के करीब है। वहीं, राज्य में सबसे ज्यादा और सबसे कम प्रभावित वाले इलाके भी मालवा में ही है। लुधियाना में कोरोना वायरस के सबसे अधिक केस है। यहां पर 11,000 से ज्यादा एक्टिव केसों की गिनती पहुंच गई है। वहीं, मालवा के ही बरनाला राज्य का कोरोना से सबसे कम प्रभावित वाला इलाका है। यहां पर एक्टिव केसों की संख्या 440 है।
मृत्यु दर में भी मालवा सबसे आगे है। पिछले दो दिनों में पंजाब में 336 लोगों की मौत हुई। इसमें से मालवा में मरने वालों की संख्या 229 है। 5 मई को पंजाब में मारे गए लोगों में मालवा के 71.4 फीसदी तक हो गए थे। 6 मई को यह दर 64.2 फीसदी थी। वहीं, सबसे औसत में सबसे अधिक संक्रमित जिला एसएएस नगर है। यहां पर पाजिटिविटी की दर 22 फीसदी से अधिक है। वहीं, मालवा के गांवों में मृत्यु दर भी काफी अधिक आ रही है।
कोविड रिव्यू में भी यह बात निकल आ चुकी है कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीज जब अस्पताल में भर्ती हो रहे है, तब तक उनके अंदर संक्रमण काफी फैल चुका होता है। इसके कारण बड़ी संख्या में मौत अस्पताल में भर्ती होने के दो से तीन दिन बाद ही हो जाती है।
मृत्यु दर को लेकर डा. तलवाड़ कहते है, मूल रूप से एक ही धारणा चल रही है। मुझे कोरोना नहीं हुआ है। इसलिए मैं टेस्ट क्यों करवाऊं, सामान्य खांसी-नजला या बुखार है, ठीक हो जाएगा। इस धारणा के लोग अस्पताल जाने या टेस्ट करवाने में काफी देरी कर देते हैं, जबकि बार-बार कहा जा रहा है कि अगर यह कोरोना के लक्षण आने पर पहले चरण में ही जांच करवा ली जाए तो मरीज जल्दी ठीक हो सकता है।