बवाल के बाद डॉ. सुधा को डी लिट की डिग्री देने पर बनी सहमति

डॉ. सुधा मूर्ति को पंजाब यूनिवर्सिटी डिग्री इन लिटरेचर देगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 21 Apr 2019 10:50 PM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 06:25 AM (IST)
बवाल के बाद डॉ. सुधा को डी लिट की डिग्री देने पर बनी सहमति
बवाल के बाद डॉ. सुधा को डी लिट की डिग्री देने पर बनी सहमति

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : इन्फोसिस की ट्रस्टी और चेयरमैन की पत्नी डॉ. सुधा मूर्ति को पंजाब यूनिवर्सिटी डिग्री इन लिटरेचर देगी। यह डिग्री 28 अप्रैल को होने वाले दीक्षा समारोह में उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू की तरफ से दी जाएगी। इसकी मंजूरी रविवार को हुई स्पेशल सिडीकेट और सीनेट की बैठक दी गई। दीक्षा समारोह में विशेष डिग्री देने के लिए आयोजित बैठक में सुधा मूर्ति के नाम पर जेएनयू के पूर्व प्रो. चमन लाल ने विरोध किया। प्रो. चमन लाल ने कहा कि डॉ. सुधा मूर्ति की पहचान एक समाजसेविका के तौर पर है। इसके साथ ही उन्होंने जो साहित्य लिखा, वह कन्नड़ और इंग्लिश भाषा में है, जो कि स्थानीय स्तर पर ही सिमट में रह गया है। डिग्री इन लिटरेचर ऐसे साहित्यकार को मिलना चाहिए जिसकी साहित्य के क्षेत्र में ही पहचान हो। उन्होंने सीनेट बैठक में विरोध के तौर पर वाइस चांसलर के लिखे गए लेटर को भी सार्वजनिक करते हुए कहा कि सुधा मूर्ति के नाम पर खुद और सीनेटर शैली वालिया का भी विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि उस बात को जानने के बाद भी यह डिग्री देने का प्रस्ताव सिडीकेट के पास आया और उसे पास करवाया गया। उन्होंने वाइस चांसलर पर पीयू कैलेंडर का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया। बैठक कराने पर जताई आपत्ति

सीनेट में हुई बैठक में जहां पर डॉ. सुधा मूर्ति के नाम पर बवाल हुआ, वहीं, अशोक गोयल ने डी लिट की डिग्री देने और विज्ञान रत्न का अवार्ड पर सहमति के लिए बुलाई हुई सीनेट का विरोध किया। अशोक गोयल ने कहा कि इनके नाम पर मंजूरी ऑनलाइन भी ली जा सकती थी। सीनेट बुलाकर मात्र पैसे की बर्बादी की गई है। जो भविष्य में नहीं हो। विज्ञान रत्न पर बिना चर्चा दी गई मंजूरी

विज्ञान रत्न देने के मामले पर कोई चर्चा नहीं होने दी गई। वाइस चांसलर ने बैठक को बीच में ही रोककर राष्ट्रगान करवाते हुए अनाउंस कर दिया कि विज्ञान रत्न अवॉर्ड इसरो के चेयरमैन डॉ. के सिवान को दिया जा रहा है।

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