Public Hearing में 80 में से 55 लोगों की दो टूक : नहीं बनना चाहिए फ्लाईओवर Chandigarh News

प्रशासन ने ट्रिब्यून चौक पर ट्रैफिक समस्या का हल करने के लिए फ्लाईओवर बनाने का फैसला लिया था। अब नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इसके लिए बजट मिलना है।

By Edited By: Publish:Mon, 23 Dec 2019 09:50 PM (IST) Updated:Tue, 24 Dec 2019 10:19 AM (IST)
Public Hearing में 80 में से 55 लोगों की दो टूक : नहीं बनना चाहिए फ्लाईओवर Chandigarh News
Public Hearing में 80 में से 55 लोगों की दो टूक : नहीं बनना चाहिए फ्लाईओवर Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। ट्रिब्यून चौक फ्लाईओवर को बनाना ठीक है या नहीं, इस पर करवाई गई पब्लिक हियरिंग में लोगों ने इसे पूरी तरह से नकार दिया। यूटी गेस्ट हाउस में सवा तीन घंटे तक चली पब्लिक हियरिंग में 80 सुझाव और शिकायतें दर्ज की गई। जिसमें से 55 ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शहर के हेरिटेज स्टेटस को देखते हुए फ्लाईओवर नहीं बनना चाहिए। सिर्फ 25 ने ही फ्लाईओवर बनाने के फैसले का समर्थन किया। जबकि कुछ लोग अपना नंबर आने से पहले ही चले गए।

एडवाइजर मनोज कुमार परिदा की अध्यक्षता में यूटी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम ने हियरिंग में लोगों को अपनी बात रखने का पूरा समय दिया। चंडीगढ़ आर्किटेक्चर कॉलेज के पूर्व स्टूडेंट्स के ओवरलूप मॉडल को अधिकारियों ने जमकर सराहा। यही कारण है कि 80 में से इस ग्रुप को मंगलवार दोबारा से एक्सपर्ट के सामने प्रेजेंटेशन का समय दिया गया है।

पेड़ों को बचाने के लिए हाईकोर्ट ने लगाई रोक

बता दें कि प्रशासन ने ट्रिब्यून चौक पर ट्रैफिक समस्या का हल करने के लिए फ्लाईओवर बनाने का फैसला लिया था। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से इसके लिए बजट मिलना है। टेंडर अलॉट होने के बाद काम शुरू होने ही वाला था कि हाई कोर्ट ने याचिका के बाद इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी। यह रोक मास्टर प्लान में प्रावधान नहीं होने और 500 पेड़ न कटे, इसलिए लगाई गई। कोर्ट ने लोगों से राय लेने के बाद कोई दूसरे विकल्प तलाशने के आदेश दिए थे। इसके बाद ही प्रशासन ने पब्लिक हियरिंग रखी। यह हियरिंग फ्लाईओवर बने या नहीं इस पर ऑन द स्पॉट फैसला लेने के लिए नहीं थी।

जो भी सुझाव और शिकायतें आई हैं, उन्हें स्ट्रीमलाइन करके समराइज करेंगे। फिर उसको प्वाइंट वाइज बनाकर हाई कोर्ट में सबमिट कराएंगे। इसके बाद जो भी डायरेक्शन कोर्ट की होंगी, उसी अनुसार आगे बढ़ा जाएगा। हाई कोर्ट की डायरेक्शंस पर ही पब्लिक हियरिंग रखी गई थी।

-मनोज कुमार परिदा, एडवाइजर

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