पंजाब में 30 प्रतिशत महिलाएं और 22 प्रतिशत पुरुष मोटापे से ग्रस्त Chandigarh News

स्पीक इंडिया अध्यक्ष डॉ. आर कुमार ने कहा कि सेमिनार का फोकस स्वस्थ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अच्छे पोषण के महत्व पर है।

By Edited By: Publish:Sun, 01 Dec 2019 10:32 PM (IST) Updated:Mon, 02 Dec 2019 03:17 PM (IST)
पंजाब में 30 प्रतिशत महिलाएं और 22 प्रतिशत पुरुष मोटापे से ग्रस्त Chandigarh News
पंजाब में 30 प्रतिशत महिलाएं और 22 प्रतिशत पुरुष मोटापे से ग्रस्त Chandigarh News

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब में 30 प्रतिशत महिलाएं और 22 प्रतिशत पुरुष मोटापे जबकि से ग्रस्त हैं। इसके अलावा दिल्ली की 70 प्रतिशत आबादी भी मोटापे का शिकार है। विश्व की 30 प्रतिशत आबादी अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त है। 2030 तक अमेरिका में 80 प्रतिशत लोग मोटापे या अधिक वजन वाले होंगे।

एक अध्ययन में यह खुलासा हुअा है।  द सोसाइटी फॉर द प्रमोशन ऑफ एथिकल एंड अफोर्डेबल हेल्थ केयर (स्पीक) ने यूनिवर्सल हेल्थ लिटरेसी फार प्रिवेंशन ऑफ डिजीज के तहत प्रेस क्लब सेक्टर-27 में एक सेमिनार का आयोजन किया था। सेमिनार में गुड न्यूट्रिशन और पुअर हेल्थ च्वाइस इज यूअर पर आधारित था।

स्पीक इंडिया अध्यक्ष डॉ. आर कुमार ने कहा कि सेमिनार का फोकस स्वस्थ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अच्छे पोषण के महत्व पर है। अंतर्निहित संदेश के साथ कि अधिकांश बीमारियों को स्वस्थ जीवन शैली और साफ वातावरण के माध्यम से रोका जा सकता है। पंजाब सरकार के साथ आरसीएस के रूप में तैनात विकास गर्ग (आइएएस) ने डॉक्टरों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि लोगों के बीमार होने पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

 आंखों पर खराब पोषण के प्रभाव भी बताए

पंजाब के पूर्व मुख्य सचिव अजीत सिंह और पीजीआइ के पूर्व निदेशक डॉ. एस शर्मा ने सत्र की अध्यक्षता की। पहले सत्र में चंडीगढ़ कॉर्निया सेंटर के डॉ. अशोक शर्मा ने आंखों पर खराब पोषण के दुष्प्रभावाें को बताया। विशेष रूप से विटामिन ए की कमी और प्रोटीन की कमी के कारण कॉर्नियल अल्सर के चांस बढ़ सकते हैं।

पीजीआइ के डॉ. जेएस ठाकुर ने पोषण और कुपोषण की उत्पत्ति के बारे में बात की। वहीं डॉ. अतुल सचदेव ने कहा कि जीएमसीएच 32 के चिकित्सक और पूर्व निदेशक प्रिंसिपल ने कुपोषण के कारण डांस ऑफ डिजीज एंड डेथ को रेखांकित किया।

जागरूकता लाने का करना चाहिए प्रयास

पीजीआइ के पूर्व निदेशक डॉ. एस शर्मा ने कहा कि भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लेकिन हम नहीं जानते कि प्रदूषण के कारण हम क्या खा रहे हैं। इसके लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है, ताकि हमें उचित भोजन मिले।

उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों में जागरूकता लाने का प्रयास करना चाहिए। स्थानीय मेडिकल कॉलेज के एक वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. दिलप्रीत संधू ने भी कुपोषण के कारण महिलाओं और बच्चों की बीमारियों की रोकथाम पर जोर दिया।

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