युवाओं की रगों में ड्रग्स भरने वालों को किसी भी स्थिति में न बख्शें

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब में हजारों करोड़ के ड्रग कारोबार के मामले में सुनवाई करते हुए हाई

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Mar 2017 01:09 AM (IST) Updated:Tue, 28 Mar 2017 01:09 AM (IST)
युवाओं की रगों में ड्रग्स भरने वालों को किसी भी स्थिति में न बख्शें
युवाओं की रगों में ड्रग्स भरने वालों को किसी भी स्थिति में न बख्शें

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :

पंजाब में हजारों करोड़ के ड्रग कारोबार के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि युवाओं की नब्ज में ड्रग्स का जहर घोलने वालों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए। हालाकि यह भी सलाह दी कि छोटे-छोटे सप्लायरों पर सख्ती तो ठीक है लेकिन निशाना बड़े माफिया और ड्रग निर्माताओं को बनाया जाए। सोमवार को सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने विदेशों से नशे का कारोबार करने वालों पर भी सख्त रवैया दिखाया और केंद्रीय विदेश मंत्रालय सहित सीबीआइ को विदेश में बैठे ड्रग तस्करों पर की गई कार्रवाई का ब्योरा मागा है। अब ऐसे में यह तय है कि केंद्रीय विदेश मंत्रालय तथा सीबीआइ इन तस्करों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। सुनवाई के दौरान ही सीबीआइ ने कहा कि पंजाब पुलिस उन्हें सूची उपलब्ध करवाए और केंद्रीय विदेश मंत्रालय आगे कार्रवाई करेगा, जिसमें सीबीआइ पूरा सहयोग देगी।

अतिरिक्त प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल ऑफिसर बनाने के आदेश

सोमवार को सुनवाई आरंभ होते ही हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ को आदेश दिए कि वे न्यूनतम अतिरिक्त प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल ऑफिसर नियुक्त करें। नोडल ऑफिसर की जिम्मेदारी होगी कि कोर्ट द्वारा जो आदेश जारी किए जाएं, उनकी पालना हो। इसके बाद हरियाणा ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर बताया कि 419 ड्रग पेडलरों को पकड़ा है जिनसे इसका स्त्रोत पता करने का प्रयास किया जा रहा है।

छोटे तस्करों तक ही सीमित न रहे पुलिस की कार्रवाई

हाईकोर्ट ने कहा कि छोटे-छोटे तस्करों को पकड़ना और उनपर लगाम लगाना तो ठीक है लेकिन अपने असली उद्देश्य को अभी पुलिस समझ ही नहीं पाई है। पुलिस पता करे कि राज्य में ड्रग्स कहा से आ रही हैं और यह किस फैक्ट्री में यह बनाई जा रही हैं। यदि बाहर से भेजी जा रही है तो वह कहा से? इसके साथ ही हाईकोर्ट ने नशे के चंगुल में फंसे युवाओं पर भी टिप्पणी की।

नशे की दलदल में फंसे युवाओं के लिए बनाएं नीति

कोर्ट ने कहा कि सरकार डी-एडिक्शन केंद्रों में अपना इलाज करवा रहे युवकों के पुनर्वास के लिए भी ठोस नीति बनाए। नीति के अभाव में एक बार इलाज के बाद युवा फिर से उसी दलदल में पहुंच जाते हैं जहा से निकलने के लिए उन्होंने इन सेंटरों की शरण ली थी। हाईकोर्ट ने सरकार को दो सप्ताह के भीतर पुर्नवास के लिए ड्राफ्ट नीति बना इसका पूरा खाका मामले की अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट में पेश किए जाने के आदेश दे दिए हैं। सुनवाई के दौरान एमिक्स क्यूरी नवकिरण सिंह ने बताया कि गत वर्ष हाईकोर्ट ने विदेशों में रह रहे तस्करों को वापस लाए जाने के केंद्र सरकार को आदेश दिए थे।

सरकार के आदेशों की समयबद्ध पालना हो

इसके अलावा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार सहित केंद्र सरकार को समय-समय पर कई आदेश दिए थे। हाईकोर्ट अब इस मामले में एक-एक विषय को अलग से उठा निर्देश जारी करे ताकि आदेशों की पालना सुनिश्चित हो सके। हाईकोर्ट ने नवकिरण सिंह को कहा कि वे एक खाका तैयार करें जिससे सरकार से आदेशों की समयबद्घ पालना करवाई जा सके।

हाईकोर्ट पहुंची सीलबंद रिपोर्ट

ड्रग माफिया पर कार्रवाई के बारे में पंजाब और हरियाणा ने हाईकोर्ट में सीलबंद लिफाफे में एसआइटी की कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपी। हरियाणा की रिपोर्ट पर असंतोष जताते हुए हाईकोर्ट ने नए सिरे से रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश दिए तो पंजाब की रिपोर्ट हाईकोर्ट ने रिकॉर्ड पर ले ली। इस दौरान पंजाब की रिपोर्ट पर पूर्व डीजीपी ने सवाल उठाते हुए कहा कि पंजाब को तीन दिन पहले रिपोर्ट उन्हें सौंपने के आदेश थे जबकि उनको यह रिपोर्ट सुबह ही दी गई है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिए कि अगली सुनवाई से पहले रिपोर्ट की एक-एक प्रति शशिकांत सहित सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता और नवकिरण सिंह को भी समय पर दी जाए।

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