इंटर्नशिप माइग्रेशन फीस नहीं लेने के फैसले का स्वागत
प्राइवेट कालेजों की ओर से इंटर्नशिप माइग्रेशन फीस चार्ज नहीं लेने के फैसले का स्वागत किया है।
जासं, बठिडा : ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड की ओर से प्राइवेट कालेजों की ओर से इंटर्नशिप माइग्रेशन फीस चार्ज नहीं लेने के फैसले का स्वास्थ्य और मानवाधिकार कार्यकर्ता डा. वितुल गुप्ता ने स्वागत किया है। डा. गुप्ता ने अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड के प्रधान डा. अरुणा वी विनकर और नेशनल मेडिकल एजुकेशन बोर्ड को पत्र लिखकर छात्रों से वसूल की गई फीस को बिना किसी देरी के वापस करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि निजी मेडिकल कालेजों की तरफ से हर साल करोड़ों रुपये माइग्रेशन शुल्क के तौर पर वसूल किया जाता है। इसे अब सरकार व बोर्ड ने वसूल करने से रोक दिया है। इस बाबत सरकार की तरफ से 31 मार्च 2021 जारी किया है। उन्होंने बताया कि यह एडवाइजरी इसलिए जारी की गई, क्योंकि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी आफ हेल्थ साइंसेज फरीदकोट ने एनएमसी को हस्तक्षेप करने के लिए लिखा था और राज्य के कुछ निजी मेडिकल कॉलेजों द्वारा छात्रों के इस बाबत कालेजों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए कदम उठाने की मांग की थी। इसमें बताया गया था कि कुछ प्राइवेट मेडिकल कालेजों की तरफ से करीब डेढ़ करोड़ रुपये की राशि एमबीबीएस के 40 फाइनल ईयर के छात्रों से एक साल की इंटर्नशिप की एनओसी के नाम पर वसूल किए है। इस तरह की हो रही लूट को रोकने के लिए मेडिकल बोर्ड की तरफ से फीस वापसी को लेकर जारी किया आदेश इन छात्रों को राहत प्रदान करेगा, वही जमा की गई फीस वापस होगी। अगर कोई कालेज ऐसा करने से मना करता है या फिर आनाकानी करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।