बठिंडा में डिप्टी स्पीकर की कोठी घेराने जा रहे अध्यापकों पर लाठीचार्ज

अध्यापकों के दूरदराज एरिया में किए जा रहे तबादलों व वेतन में कटौती के विरोध में अजायब सिंह भट्टी की कोठी का घेराव करने जा रहे अध्यापकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 09:04 PM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 09:04 PM (IST)
बठिंडा में डिप्टी स्पीकर की कोठी घेराने जा रहे अध्यापकों पर लाठीचार्ज
बठिंडा में डिप्टी स्पीकर की कोठी घेराने जा रहे अध्यापकों पर लाठीचार्ज

जेएनएन, बठिंडा। अध्यापकों के दूरदराज एरिया में किए जा रहे तबादलों व वेतन में कटौती के विरोध में मंगलवार को डिप्टी स्पीकर अजायब सिंह भट्टी की कोठी का घेराव करने जा रहे अध्यापकों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।

अध्यापक नेता जब रोष मार्च निकालने के बाद डिप्टी स्पीकर की कोठी की तरफ जाने लगे, तो पुलिस ने पहले उनको मॉडल टाउन फेस 3 में दादी पोती पार्क के पास रोक लिया। यहां अध्यापकों व पुलिस में काफी धक्का-मुक्की हुई, जिसके बाद कुछ अध्यापक बैरिकेड्स तोड़कर आगे कोठी की तरफ निकल गए। इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। वहीं, इस धक्कामुक्की के बीच अध्यापकों का समर्थन कर रहे किसान यूनियन के नेता की पगड़ी भी उतर गई। लाठीचार्ज के चलते अफरातफरी मच गई। इसके विरोध में यूनियन नेताओं ने वहीं पर धरना लगा दिया।

मामले की सूचना के बाद प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। उहोंने अध्यापकों की डिप्टी स्पीकर के बेटे के साथ मीटिंग करवाई। उनको भरोसा दिया गया कि उनकी सरकार के साथ जल्द मीटिंग करवाकर उनके मसलों को हल करवाया जाएगा। मीटिंग में तहसीलदार सुखबीर सिंह बराड़ भी शामिल हुए।

इससे पहले अध्यापकों की ओर से टीचर्स होम में बैठक की गई। जहां से डिप्टी स्पीकर की कोठी की तरफ रोष मार्च निकाला गया, जो फौजी चौक, अजीत रोड होते हुए माडल टाउन स्थित भट्टी के निवास पर पहुंचा। मगर उनके रोष मार्च के दौरान पहले तो फौजी चौक में जाम की स्थिति बन गई। इसके बाद हर समय वाहनों से भरी रहने वाली अजीत रोड पर लोगों को काफी परेशानी हुई। जब मार्च घोड़ा चौक पर पहुंचा तो 100 फीट रोड का पूरा ट्रैफिक जाम हो गया। यहां से मार्च डिप्टी स्पीकर की कोठी की तरफ गया।

अध्यापक यूनियन के नेता जगसीर सहोता व रेशम सिंह ने कहा कि सरकार ने अध्यापकों के वेतन में कटौती कर उनको मरने के लिए मजबूर कर दिया है। जबकि उनको बिना किसी शर्त के पूरे वेतन भी रेगुलर किया जाए। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि कैप्टन ने चुनावों से पहले अध्यापकों के साथ कई वादे किए थे, मगर उसमें से किसी को भी पूरा नहीं किया। अध्यापकों के रोष मार्च में कई संगठनों ने समर्थन दिया। इस दौरान अध्यापकों ने 18 नवंबर को मालवा के सभी जिलों वित्तमंत्री मनप्रीत बादल का घेराव करने का एलान किया।

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