स्वच्छ सर्वेक्षण टीम ने शौचालयों से हटवाए होर्डिंग्स, कहा- लिखवाएं स्वच्छ भारत

सुभाष चंद्र, ब¨ठडा : स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के तहत महानगर में केंद्रीय टीम की ओर से स्वच्छता सं

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Jan 2018 03:00 AM (IST) Updated:Fri, 19 Jan 2018 03:00 AM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण टीम ने शौचालयों से हटवाए होर्डिंग्स, कहा- लिखवाएं स्वच्छ भारत
स्वच्छ सर्वेक्षण टीम ने शौचालयों से हटवाए होर्डिंग्स, कहा- लिखवाएं स्वच्छ भारत

सुभाष चंद्र, ब¨ठडा : स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के तहत महानगर में केंद्रीय टीम की ओर से स्वच्छता संबंधी सर्वेक्षण वीरवार को भी जारी रहा। सर्वेक्षण के चौथे दिन भी कार्वी कंपनी की टीम की ओर से नगर निगम के कागजी दावों की जगह-जगह पर जाकर वेरिफिकेशन की गई। इस दौरान ग्रीन वेस्टेज से खाद बनाने वाले रोजगार्डन के नजदीक स्थित कंपोस्ट प्लांट से लेकर बस्तियों में आइएचएचएल के तहत बन रहे शौचालयों की प्रगति, पब्लिक टॉयलेट्स में सफाई व्यवस्था, कचरे के डंप स्थान, पेट्रोल पंपों पर उपलब्ध करवाई शौचालय की सुविधा, कमर्शियल एरिया में डस्टबिन की निर्धारित दूरी, डोर टू डोर कचरे की कलेक्शन करने संबंधी घरों में जाकर लोगों की फीडबैक सहित अनेक कार्यों की जमीनी हकीकत की पड़ताल की।

इस दौरान सर्वेक्षण टीम के सदस्य ने नगर निगम की ओर से शहर में विभिन्न स्थानों पर बनाए गए पब्लिक टॉयलेट्स पर लगे अलग-अलग निजी संस्थाओं के पब्लिसिटी बोर्डों को हटवाए और यहां स्वच्छ भारत लिखाने की बात कही। ताकि राह चलते लोगों को दूर से ही पब्लिक टॉयलेट्स का पता चल सके।

शौचालयों से हटवाए पब्लिसिटी बोर्ड

मॉडल टाउन फेस वन स्थित मार्केट में बने निगम के पब्लिक टॉयलेट के ऊपर लगे एक शिक्षण संस्थान के बोर्ड को लेकर जब सर्वेक्षण कंपनी के सदस्य रणजीत ¨सह राणा ने निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर से पूछा कि यह बोर्ड किसने लगवाएं हैं। सेनेटरी इंस्पेक्टर ने उन्हें बताया कि यह निगम की पब्लिसिटी शाखा की तरफ से ही लगवाए गए हैं। इस पर टीम के सदस्य ने इस बोर्ड को तुरंत हटाने का आदेश दिया। साथ ही शहर की अन्य पब्लिक टायलेट्स से भी ऐसे पब्लिसिटी बोर्ड हटाने को कहा। उन्होंने कहा कि यह गलत है। यह बोर्ड क्यों लगाएं गए हैं। जबकि इन बोर्ड के स्थानों पर स्वच्छ भारत लिखा होना चाहिए, ताकि दूर से लोगों को पता चल सके कि यह पब्लिक टायलेट्स हैं। इन बोर्डों की वजह से टायलेट्स का तो पता ही नहीं चलता। इस पर निगम कर्मचारियों ने तुरंत उनके सामने ही उस बोर्ड को वहां से हटा दिया। इसके बाद अन्य शौचालयों से भी यह पब्लिसिटी बोर्ड उतार दिए गए।

निगम ने आय जुटाने को लगवाए थे बोर्ड

निगम की ओर से आमदन जुटाने के लिए शहर के 20 पब्लिक टॉयलेट्स पर ऐसे बोर्ड लगवाए गए थे। जो 3000 और 5000 रुपये प्रति माह के किराए पर थे। फिलहाल यह स्थान दो महीने के लिए किराए पर दिए गए थे। प्राइम लोकेशन का रेंट 5000 व अन्य का 3000 रुपये प्रति माह वसूल किया गया है। लेकिन अब कहा जा रहा है कि यह स्वच्छ सर्वेक्षण में अंक हासिल करने को लगवाए थे। उनके अनुसार पहले बताया गया था कि स्वच्छ सर्वेक्षण में इस बात के भी अंक शामिल हैं कि निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए क्या-क्या प्रयास कर रही है। यह बोर्ड इस प्रयास में ही शामिल थे।

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