तीसरी लहर का खौफ, स्कूलों में हाजिरी 50 फीसद से भी कम

कोरोना की तीसरी लहर को लेकर छात्रों के अभिभावकों में अब भी भय का माहौल है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 09:52 PM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 09:52 PM (IST)
तीसरी लहर का खौफ, स्कूलों में हाजिरी 50 फीसद से भी कम
तीसरी लहर का खौफ, स्कूलों में हाजिरी 50 फीसद से भी कम

संस, बठिडा: कोरोना की तीसरी लहर को लेकर छात्रों के अभिभावकों में अब भी भय का माहौल है। इस कारण स्थिति यह है कि कोरोना की तीसरी लहर की आहट के बीच पिछले महीने जुलाई में स्कूल खोले गए। करीब एक महीना बीत जाने के बाद भी सरकारी व निजी स्कूलों में बच्चे पढ़ाई के लिए पहुंच नहीं रहे हैं।

सरकार द्वारा पिछले महीने दसवीं से बारहवीं तक 26 जुलाई को व दो अगस्त को सभी कक्षाओं को खोल दिया गया था। इसके बावजूद भी स्कूलों का हाल यह है कि सरकारी स्कूलों में करीब 50 प्रतिशत छात्र पहुंच रहे हैं जबकि प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की तादाद प्रबंधकों की तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं बढ़ी है। स्कूल प्रबंधक अभिभावकों से मीटिग कर उनके कंसेंट लेटर यानी बच्चे को स्कूल भेजने के सहमति पत्र का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी तरफ तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताए जाने के बावजूद स्कूल खोलने पर अभिभावक दुविधा में हैं। 50 प्रतिशत बच्चे ही स्कूल आ रहे हैं।

निजी स्कूल मुखियों का कहना है कि निजी स्कूलों में कहीं तो 30 प्रतिशत बच्चे ही आ रहे हैं। इस संबंध में लार्ड रामा स्कूल के प्रिसिपल सूरज सेतिया ने बताया कि अभिभावकों से बातचीत कर ही बच्चे स्कूल में आ रहे हैं। स्कूल में करीब 30 से 40 प्रतिशत बच्चे ही पहुंच रहे हैं। बाकि बच्चों को हम आनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं। वहीं सुदेश वाटिका स्कूल के प्रिसिपल विनोद खुराना ने बताया कि स्कूल में बच्चे बेहद कम आ रहे हैं। कहीं न कही अभिभावक कोरोना के डर के कारण स्कूल में अभी भी बच्चों को भेजने से कतरा रहे हैं। कोट्स

रोजाना स्कूलों में बच्चों को आनलाइन और आफलाइन दोनों तरीके से पढ़ाई करवाई जा रही है। हमारी कोशिश है कि बच्चों को सही तरीके से पढ़ाई करवाई जाए। अभिभावकों से बातचीत भी चलती रहती है ताकि वे बच्चों को स्कूल भेजें।

इकबाल सिंह बुट्टर, उपजिला शिक्षा अधिकारी

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