इस बार 9.36 लाख एमटी गेहूं खरीद का टारगेट, स्टोरेज कैपेसिटी अभी शॉर्ट

गेहूं की सरकारी खरीद का समय बेशक एक अप्रैल से शुरू हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Apr 2019 07:24 PM (IST) Updated:Wed, 10 Apr 2019 07:51 AM (IST)
इस बार 9.36 लाख एमटी गेहूं खरीद का टारगेट, स्टोरेज कैपेसिटी अभी शॉर्ट
इस बार 9.36 लाख एमटी गेहूं खरीद का टारगेट, स्टोरेज कैपेसिटी अभी शॉर्ट

जासं, बठिडा : गेहूं की सरकारी खरीद का समय बेशक एक अप्रैल से शुरू हो गया है। मगर एफसीआइ की ओर से इस बार फिर कम गेहूं खरीद करने की बात की जा रही है। इसके चलते अन्य खरीद एजेंसियों पर इसका बोझ बढ़ जाएगा। वहीं विभाग की तरफ से दावा किया जा रहा है कि फिलहाल उनके पास स्टोरेज की कोई दिक्कत नहीं है। इसको धीरे-धीरे पूरा कर लिया जाएगा। इस साल जिले में नौ लाख 36 हजार 70 मीट्रिक टन (एमटी) गेहूं की खरीद करने का टारगेट है, जो गत वर्ष खरीद की गई गेहूं 9 लाख 17 हजार 710 एमटी के मुकाबले 2 फीसद ज्यादा है। जबकि विभाग के पास इस समय कुल 8 लाख 78 हजार 912 एमटी की स्पेस है, जिसके चलते यह 64 हजार 793 एमटी की अभी शॉर्टेज है। ऐसे में विभाग को इस बार फिर गेहूं को स्टोर करने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

गौर हो कि जिले में कुल 11.69 लाख एमटी गेहूं को स्टोर करने की कैपेसिटी है, जिसमें 8.24 लाख ओपन व 3.26 लाख कवर्ड गोडाउन है। मगर एफसीआइ के सभी गोदाम कवर्ड हैं, जो कभी भी ओपन में अपनी खरीद की गई गेहूं व धान को ओपन में स्टोर नहीं करता। इसी कारण गोदाम खाली न होने से एफसीआइ खरीद में कटौती कर देता है। स्टॉक नहीं किया क्लियर, एफसीआइ करेगा कम खरीद

एफसीआइ अपने गोदामों में पहले से रखे स्टॉक को क्लियर नहीं कर सका है। इसके चलते गेहूं की नई फसल के लिए उनके पास भंडारण का संकट खड़ा हो रहा है। इस स्थिति में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) ने इस बार खरीद में कटौती करने का फैसला लिया है। एफसीआइ की ओर से स्टॉक की रेल मूवमेंट न होने के कारण जिले में खरीद का कोटा 20 फीसद से कम करने पर विचार किया जा रहा है। जबकि इससे पहले उनके द्वारा 10 फीसद खरीद करने की बात की जा रही थी। अगर एफसीआइ जिले में खरीद कम करती है तो इसका बोझ दूसरी खरीद एजेंसियों पर पड़ेगा। गौर हो कि गत वर्ष जिले में 9.17 लाख एमटी की खरीद हुई थी तो दो साल पहले साल 2017-18 में 8.90 लाख एमटी की खरीद हुई थी। एजेंसियों के पास है जगह की कमी जिले में 2.55 लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बिजाई की गई है, जिसमें से 11.50 लाख एमटी के करीब गेहूं की पैदावार होने की उम्मीद है। मुख्य खरीद एजेंसियों के पास 10 से 20 हजार एमटी गेहूं स्टोर करने में जगह की कमी आ रही है। पनग्रेन ने गेहूं की आमद का 20 फीसद शेयर खरीदना होता है, जिसका टारगेट इस बार 2.37 लाख एमटी है। वहीं मार्कफेड का भी 2.25 लाख एमटी गेहूं की खरीद करने का टारगेट है, जिसके पास 2.24 लाख की स्पेस है। इसी प्रकार वेयर हाऊस का टारगेट 1.23 लाख एमटी है और स्पेस 1.21 लाख एमटी, पंजाब एग्रो का 99 हजार का टारगेट है। जबकि पनसप का टारगेट 1.91 लाख है, जिसके पास स्पेस 1.64 लाख है। ऐसे में पनसप के पास इस समय सबसे ज्यादा शॉर्टेज आ रही है। गेहूं की खरीद का सीजन शुरू होने वाला है, लेकिन इस समय स्टोरेज की कोई दिक्कत नहीं है। हमारे टारगेट के अनुसार स्टोरेज है। अगर जरूरत पड़ी तो बाद में उसको ओर ले लिया जाएगा।

अपिदर कौर, जिला खुराक व सप्लाई कंट्रोलर, बठिडा

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